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जीवन परिचय

1980 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद से ही आडवाणी जी वह शख्स हैं जो सबसे ज्यादा समय तक पार्टी में अध्यक्ष पद पर बने रहे हैं। बतौर सांसद 3 दशक की लंबी पारी खेलने के बाद आडवाणी जी पहले गृह मंत्री रहे, बाद में अटल जी की कैबिनट में (1999-2004) उप-प्रधानमंत्री बने आडवाणी जी को बेहद बुद्धिजीवी, काबिल और मजबूत नेता माना जाता है जिनके भीतर मजबूत और संपन्न भारत का विचार जड़ तक समाहित है। जैसा की अटलजी बताया करते थे, आडवाणी जी ने कभी राष्ट्रवाद के मूलभूत विचार को नहीं त्यागा और इसे ध्यान में रखते हुए राजनीतिक जीवन में वह आगे ब़ढ़े हैं और जहां जरूरत महसूस हुई है, वहां उन्होंने लचीलापन भी दिखाया है।

आडवाणी जी का जन्म 8 नवंबर 1927 को सिन्ध प्रान्त (पाकिस्तान) में हुआ था। वह कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़ें हैं और उनके देशभक्ति के जज्बे ने उन्हें राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वह जब महज 14 साल के थे, उस समय से उन्होंने अपना जीवन देश के नाम कर दिया।

1980 से 1990 के बीच आडवाणी जी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए अपना पूरा समय दिया और इसका परिणाम तब सामने आया, जब 1984 में महज 2 सीटें हासिल करने वाली पार्टी को लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिली जो उस समय के लिहाज से काफी बेहतर प्रदर्शन था। पार्टी की स्थिति 1992 में 121 सीटों और 1996 में 161 पर पहुंच गई। आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस सत्ता से बाहर थी और बीजेपी सबसे अधिक संख्या वाली पार्टी बनकर उभरी थी।

अच्छे पारिवारिक संबंधों वाले भावुक आडवाणी जी ने उस समय कहा, प्रकृति हमारे सामने खुशहाली और उनके मायने सामने ला कर रख देती है ताकि हम खुद उनमें से चुन सकें लेकिन मुझे भारी मात्रा में दोनों प्राप्त हुए हैं।‘      

आज आडवाणी जी भारत के लोगों से सही निर्णय लेने के लिए कहते हैं, ऐसा नेता चुनने के लिए कहते हैं, जिसने भारत का अतीत देखा हो जो कल से आज ज्यादा मजबूत होकर खड़ा हो, जो यह सुनिश्चित कर सके कि हर बीतते दिन के साथ भारत और ज्यादा तरक्की करे, आगे बढ़े और मजबूत हो।