रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा मंत्री ओपी चौधरी ने कहा है कि रायगढ में मिलरों से एक माह की बैंक गारंटी को तीन माह की गारंटी के तौर पर दर्ज कर करोड़ों रुपये का धान मिलिंग के लिये देने का मामला साबित कर रहा है कि छत्तीसगढ़ में धान की बर्बादी के साथ ही चावल घोटालों की पटकथा पहले से ही तैयार कर ली गई है। धान खरीदी के लिए पैसे से लेकर बारदाना, तिरपाल और मजदूरी तक का सारा व्यय केंद्र सरकार वहन करती है और यहां कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री बारदाना पर राजनीति करते हैं। केंद्र के पैसों  से तिरपाल खरीदने की जगह धान को बारिश में बर्बाद करते हैं, नुकसान के आकलन का ड्रामा करते हैं और दूसरी तरफ मिलरों से साठगांठ करके करोड़ों रुपए का धान मिलरों के हवाले किया जा रहा है। यह सीधे तौर पर धान और चावल घोटाला है। जिस पर जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है। भाजपा प्रदेश मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि नान घोटाले का हल्ला मचाकर उसके मुख्य आरोपी को ही जिम्मेदार पद पर संविदा नियुक्ति करने वालों का असल चरित्र उजागर हो चुका है। रायगढ़ का मामला सामने आ गया जो हंडी का एक चावल है। पूरे राज्य में धान खरीदी में विलंब, अव्यवस्था, धान की बर्बादी और चावल घोटाले का सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया है। मार्कफेड के एमडी को जांच के निर्देश देने की बजाय इस चावल घोटाले की सीबीआई जांच की जरूरत है। यदि चावल घोटाले में कांग्रेस सरकार की नीयत साफ है तो वह तत्काल सीबीआई जांच की सिफारिश करे।