रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इस बात पर चिंता जताई है कि प्रदेश, विशेषकर राजधानी में कोरोना संक्रमण की लगातार बढ़ती दर पर क़ाबू पाने के प्रति प्रदेश सरकार की उदासीनता छत्तीसगढ़ में दहशत के हालात निर्मित कर रही है। श्री साय ने कहा कि एक तरफ़ संक्रमण की दर बढ़ती ही जा रही है और दूसरी तरफ़ राजधानी में ऐसे हालात में भी चल रहे दो बड़े आंदोलन को समाप्त कराने में प्रदेश सरकार कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रही है और प्रदेश को कोरोना संक्रमण के भयावह दौर में धकेलने का षड्यंत्र अमल में ला रही है।
 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश की राजधानी में संक्रमण की जो दर बढ़ी है, वह इसलिए चिंताजनक है क्योंकि यह दर देश के टॉप-5 में गिनी जा रही है। ऐसी स्थिति में राजधानी में पुलिस-परिजनों और किसानों के दो बड़े आंदोलन जारी हैं। सोमवार को पुलिस-परिजनों के आंदोलन के दौरान आंदोलित परिजनों के साथ दुर्व्यवहार, धक्का-मुक्की के बाद कुछ लोगों की गिरफ़्तारी भी की गई। इसी तरह प्रदेश के किसान भी अपनी मांगों को लेकर यहाँ आंदोलन करके प्रदेश सरकार का ध्यान खींच रहे हैं। श्री साय ने कहा कि अपनी जान दाँव पर लगाकर आंदोलन कर रहे इन लोगों के साथ संवेदनापूर्वक चर्चा करके, समाधान करके इन आंदोलनों को समाप्त करने में कोई रुचि नहीं ले रही है। क्या प्रदेश सरकार इन आंदोलनकारियों से बात करना भी ज़रूरी नहीं समझती? श्री साय ने प्रदेश सरकार को आगाह किया कि राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण के ख़तरे से इन आंदोलनकारियों पर प्रतिकूल प्रभाव की आशंका तो गहरा ही रही है, साथ ही पूरे प्रदेश में भी संक्रमण के फैलाव की आशंका घनीभूत होती जा रही है, क्योंकि ये आंदोलनकारी प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से आकर यहाँ जुटे हैं। श्री साय ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती संक्रमण दर और उसके फैलाव की आशंका के बावज़ूद प्रदेश सरकार कुम्भकर्णी नींद में सोई पड़ी है, यह प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि उत्तरप्रदेश और पंजाब की राजनीति में व्यस्त मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के लोगों की क़तई चिंता नहीं कर रहे हैं और प्रदेश की जनता एक बार फिर केवल और केवल प्रदेश सरकार के नाक़ारापन के कारण कोरोना संक्रमण की त्रासदी भोगने के लिए विवश की जा रही है। श्री साय ने कहा कि कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर पर क़ाबू पाने के लिए प्रदेश सरकार का कोई रोडमैप नज़र नहीं आ रहा है। छत्तीसगढ़ आज संक्रमण के सामुदायिक प्रसार (कम्युनिटी स्प्रेड) के क़ग़ार पर पहुँच गया है, परंतु प्रदेश सरकार हालात की भयावहता को भाँपने के लिए तैयार ही नहीं है। आख़िर राज्य सरकार कर क्या रही है? प्रदेश सरकार बताए कि वह संक्रमण दर के कितने प्रतिशत होने के बाद सक्रिय होकर कोरोना के ख़िलाफ़ क़ारग़र पहल करने का इरादा रखती है? कोरोना की रोकथाम के नाम पर अपने झूठे दावों का नित-नया पाखंड रचती प्रदेश सरकार आख़िर छत्तीसगढ़ के लोगों से कौन-सी दुश्मनी भंजा रही है? श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़, और विशेषकर राजधानी में कोरोना संक्रमण की एकाएक बढ़ी दर प्रदेश सरकार के नााकारापन का जीता-जागता नमूना है। राजधानी में तेज़ी से बढ़े कोरोना पॉज़ीटिव मामलों ने लोगों को दहशत के साए में धकेल दिया है।