रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के प्रभारी संदीप शर्मा ने कहा है कि राज्य में लगातार बारिश के कारण धान खरीदी प्रभावित हो रही है। पंद्रह दिन से धान खरीदी लगभग बंद करनी पड़ रही है। जिन किसानों को समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए टोकन मिले हैं, वे भी रद्द हो गए हैं। ऐसी परिस्थिति में मुख्यमंत्री से मांग है कि  धान खरीदी की तारीख 15 दिन बढ़ाई जाय और जिन किसानों के टोकन रद्द हुए हैं, उनके धान प्राथमिकता से खरीद कर अनिश्चितता के वातावरण को समाप्त करें।
 
 भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने कहा है कि राज्य में असमय वर्षा की पूर्वानुमान  को देखते हुए एक नवम्बर से धान खरीदी की मांग भाजपा ने की थी। लेकिन राज्य सरकार ने एक दिसम्बर से धान खरीदी का निर्णय लिया। यदि एक नवम्बर से ही धान खरीदी शुरू कर दी गई होती तो किसान का सारा धान खरीदी केंद्र और फिर वहां से कस्टम मिलिंग के लिए मिलरों तक पहुंच गया होता। न तो किसानों का धान भीगता और न ही खरीदी केंद्रों में रखा धान भीगता। लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया, इसलिए किसानों तथा  राष्ट्रीय धन का नुकसान हुआ। 
 
  श्री शर्मा ने कहा कि सरकार न तो भीगा हुआ धान खरीद रही है और न ही किसानों को पर्याप्त मुआवजा मिल रहा है। इसके विपरीत बीते एक पखवाड़े से धान खरीदी प्रभावित हो रही है। अनिश्चितता के माहौल में किसानों की चिंता बढ़ गई है। उनके टोकन की मियाद खत्म हो गई है जिसमें उनका कोई कसूर नहीं है। लिहाजा राज्य सरकार को इन किसानों को नए टोकन जारी कर धान खरीदी की समयसीमा कम से कम पंद्रह दिन बढ़ाना चाहिए ताकि किसानों को कुछ हद तक राहत मिल सके, साथ ही साथ इस वर्षा के चलते रबी में चना, मसूर, लाख, लाखड़ी, अरहर जैसे फसलों को भारी नुकसान हुआ है अतः सभी पटवारी हल्का को फसल नुकसानी का आकलन करने निर्देशित किया जाय।
         रबी फसल नुकसानी का आकलन कर भूराजस्व संहिता की धारा 6-4 का लाभ देते हुए मुआवजा का भुगतान किया जाय।