रायपुर -- आज १८ जनवरी को  भारतीय जनता पार्टी  सहकारिता प्रकोष्ठ व किसान मोर्चा के सयुक्त तत्त्वधान मे किसान हितैषी ४ सूत्रीय मुद्दों को लेकर महामहिम राज्यपाल के नाम  प्रदेश के सभी जिलों में  कलेक्तर  के माध्यम से ज्ञापन सौपा जायेगा '। सहकारिता प्रकोष्ठ प्रदेश सयोजक शशिकांत द्विवेदी ने बताया कि शासन द्वारा किसानों का धान खरीदी किया जाना किसानों के लिए बहुत अहम मुद्दा रहा है । लेकिन असामयिक वर्षा के कारण किसानों को कठिनाइयों  का सामना करना पड़ रहा है  किंतु प्रदेश की भूपेश सरकार किसानो की समसया पर चुप्पी साधे हुए है ।' किसानो के हित में ४ सूत्रीय मुद्दों को लेकर आज १८ जनवरी २०२२ दिन मंगलवार को भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ व भाजपा किसान मोर्चा के सयुक्त तत्त्वधान में राज्यपाल के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपा जायेगा ।' किसान हितैषी मुद्दों में    
1- शासन द्वारा धान खरीदी हेतु मात्र 2 माह दिसंबर और जनवरी की समय सीमा नियत की गई है। जिसमें गत 28 _29 दिसंबर और जनवरी के दूसरे सप्ताह में बेमौसम बारिश होने के कारण खरीदी प्रभावित हो गई है। जिसके कारण  प्रदेश भर के लगभग एक तिहाई से ज्यादा किसान अभी तक अपनी उपज की बिक्री नहीं कर पाए हैं। चूंकि  धान खरीदी हेतु समय बहुत कम (मात्र 9 दिन) बचा है ,ऐसी स्थिति में किसानों को धान बिक्री के लिए परेशान होना वाजिब है और उस से परेशान होकर किसान अपने धान को औने पौने  दर पर विक्रय करने हेतु मजबूर हो रहे हैं। अतः किसानों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए  आपसे अनुरोध है कि धान खरीदी की समय सीमा में  एक माह की अतिरिक्त वृद्धि किए जाने हेतु सरकार को निर्देशित करने की कृपा करेंगे।
2-बेमौसम बारिश के कारण रबी फसलें  यथा चना ,सरसों, लाख-लाखड़ी आदि  का भारी नुकसान होने के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें व्याप्त हो गई है। अस्तु आग्रह है कि राज्य सरकार को आप निर्देशित करें कि भू राजस्व संहिता की धारा (6 - 4) के तहत राज्य सरकार प्रभावित   किसानों  को मुआवजा दिए जाने की तत्काल  घोषणा करे एवं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के क्षति का आंकलन करा कर मुआवजा दिलाने की कृपा करेंगे।
3- चालू रबी फसल के लिए किसानों को यूरिया , डीएपी, पोटाश जैसे खाद के  लिए भटकना पड़ रहा है अतः खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की कृपा करें।
4-  शासन द्वारा निर्धारित धान खरीदी नीति के अनुसार उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव समयावधि में नहीं हो रहा है। नियमानुसार बफर लिमिट से ज्यादा धान  भंडारित होने पर 72 घंटे के अंदर परिवहन किए जाने की अनिवार्यता है ।किंतु उसका पालन  वर्तमान सरकार द्वारा विगत प्रत्येक वर्षों में नहीं किया जा रहा है ।जिसके कारण भारी शोर्टेज आने से सहकारी समितियों  की आर्थिक स्थिति  दिन प्रति दिन कमजोर होती जा रही है।  सरकार को धान खरीदी नीति के अनुसार धान का उठाव किए जाने हेतु निर्देशित करने की मांग  भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ व किसान मोर्चा द्वारा किया जायेगा।