रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि लोकतंत्र की गाहे-बगाहे दुहाई देने वाली प्रदेश की कांग्रेस सरकार सत्तावादी अहंकार में इस क़दर चूर हो चली है कि अब वह लोकतांत्रिक मान्यताओं और शिष्टाचार तक को ताक पर रखने के अपने नितांत अलोकतांत्रिक आचरण का निर्लज्ज प्रदर्शन करने भी बाज नहीं आ रही है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व मंत्री रवीन्द्र चौबे का यह कहना कि हमें बज़ट प्रवाधानों के लिए विपक्ष की सलाह की ज़रूरत नहीं है, एक लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और प्रदेश सरकार को अपने इस सत्ता-मद की क़ीमत चुकानी ही पड़ेगी।
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग लोकतंत्र की हत्या करने पर उतारू हैं। अगर लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी सत्ताधारी दल ने यह कह दिया कि हमें किसी भी विषय पर विपक्ष के सुझाावों व सलाह की ज़रूरत नहीं है, तो इसका सीधा-सपाट आशय यही है कि वह सत्ताधारी दल सत्ता के नशे में चूर होकर उस लोकतंत्र और संविधान को भूल चुका है, जिसमें विपक्ष को एक महती ज़िम्मेदारी दी गई है और विपक्ष सतत जागरूक रहकर जनता की आवाज़ बनकर जनहित से जुड़े विषयों पर सरकार का ध्यान खींचता है और सरकार को जनता से किए गए वादे पूरे करने के लिए ज़रूरी सुझाव देता है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग तो विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों और सवालों से तो हर मौक़ों पर मुँह चुराते ही रहे हैं और विपक्ष के सवालों का ज़वाब देने का नैतिक साहस कभी नहीं जुटा पाए। अब जबकि प्रदेश में एक जागरूक विपक्ष के नाते भाजपा द्वारा जनहित में सुझाव देकर प्रदेश के लाखों युवा शिक्षित बेरोज़गारों को बेरोज़गारी भत्ता के लिए बज़ट प्रावधान की मांग करने और सुझाव देने पर भी प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोगों के हाथ-पाँव फूल रहे हैं।
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा के मुद्दों, सवालों और सुझावों से घबराकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश सरकार के मंत्रियों और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर तमाम लोग हर दिन उटपटांग बयान देकर अपने दिमाग़ी असंतुलन और वैचारिक दरिद्रता का प्रदर्शन कर रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि बेरोज़गारी भत्ते के लिए भाजपा द्वारा बज़ट प्रावधान करने के सुझाव पर मंत्री व सरकार के प्रवक्ता चौबे का बयान इस बात की स्वीकारोक्ति है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने वादों से मुकर चुकी है और जनता से जुड़े हुए किसी भी मुद्दे को लेकर यह सरकार बज़ट में प्रावधान नहीं करना चाहती।