भाजपा ने पूछा : प्रदेश में नई कोरोना गाइडलाइन प्रभावी होते हुए राहुल गांधी के कार्यक्रम की अनुमति किसने, कैसे और किनके इशारे पर दी? 0 प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री मूणत ने कहा- दोहरे मापदंड अपनाकर बघेल कोरोना गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ा रहे, प्रदेश को फिर
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन की आड़ लेकर एक ओर जहाँ प्रदेश सरकार अपने ख़िलाफ़ उठ रही आवाज़ को दबाने के लिए धरना-प्रदर्शन और आंदोलनों पर रोक लगा रही है, वहीं अपने कांग्रेस-ख़ानदान की चाटुकारिता कर अपनी राजनीति चमकाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरोना गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। श्री मूणत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की बढ़ती दर के बीच भी प्रदेश सरकार सियासी लफ़्फ़ाज़ी के लिए अपनी ही बनाई गाइडलाइन को कूड़ेदान के हवाले कर बैठी सरकार प्रदेश जनस्वास्थ्य के प्रति कितनी संज़ीदा है, यह उसके इस दोहरे मापदंड से साफ़ हो रहा है। रायपुर मे रोज मास्क के नाम पर लोगो को चलान देना पड़ रहा है वही राहुल की सभा मे मास्क व अन्य सावधानी का ध्यान कैसे होगा यह चिंता का विषय है । अगर करोना गाइडलाइन का उलघन होता है तो रायपुर वासी अपने को ठगा महसूस करेंगे ।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने सवाल किया कि जब प्रदेशभर में नई कोरोना गाइडलाइन प्रभावी है, धारा 144 लागू है, सभी तरह के जलसे, सभा, समारोहों पर रोक लगी हुई है, लोगों को अपने पारिवारिक व धार्मिक कार्यक्रमों के लिए सरकारी आदेशों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है, तो फिर राजधानी में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आगामी 3 फ़रवरी के कार्यक्रम की अनुमति किसने, कैसे और किनके इशारे पर दी? श्री मूणत ने कहा कि जब सरकार ही अपने बनाए क़ायदे-क़ानूनों की धज्जियाँ उड़ाने पर आमादा है तब आम आदमी को इन क़ायदों के सख़्त पालन के लिए बाध्य और दंडित करना प्रदेश सरकार के दोगलेपन की इंतिहा है। श्री मूणत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग में प्रदेश की कांग्रेस सरकार का दुराग्रह प्राय: हर मौक़े पर सामने आया है और यह स्पष्ट हुआ है कि कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार गाइडलाइन को अपनी राजनीतिक सुविधा के हिसाब से तोड़ने-मरोड़ने में क़तई नहीं हिचकती, जबकि आम आदमी पर क़ानून के डंडे का इस्तेमाल पूरी निर्ममता के साथ होता है। श्री मूणत ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने ‘ख़ानदानी शहज़ादे’ की चाटुकारिता में प्रदेश को एक बार फिर कोरोना संक्रमण के भयावह दौर में ले जाने पर आमादा हैं।