प्रेस विज्ञप्ति
 
 
अवैध रेत उत्खनन पर तीन साल बाद जागी सरकार : मूणत 
 
- राजनीतिक चर्चा हैं कि सेटिंग बिगड़ गई 
-दम है तो रेत ठेकेदारों का ठेका करें निरस्त 
 
रायपुर. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाया कि तीन साल निकल जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कार्रवाई की याद आई है. तीन सालों तक पूरे प्रदेश में रेत माफिया नदियों का निर्मम शोषण कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे थे, धमतरी जिले में रेत माफिया ने कई लोगो को कुचल दिया, जिसमे मौत हुई , खनिज अधिकारी पर हाइवा चढ़ा दिया गया, तब मुख्यमंत्री कुंभकर्णी नींद में सो रहे थे, अब चूंकि रेत माफिया विद्युत लाईन को नहीं बख्श रहे हैं, तब जाकर मुख्यमंत्री की नींद खुली है. 
 
श्री मूणत ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में सत्ता के संरक्षण में पिछले तीन सालों से खनन करते रहे और मनमानी वसूली करते रहे. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के खनिज नीति को बदलकर रेत में ठेकेदारी प्रथा की शुरुआत की गई. करीब 410 रेत खदानों की नीलामी हुई, नीलामी में सभी ठेका कांग्रेस नेताओं को मिला. यह जगजाहिर है, कि सत्ता के संरक्षण में पल रहे रेत माफियाओं के आगे शासन और प्रशासन भी पगुं नजर आया.
 
 उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी अवैध रेत उत्खनन के नाम पर केवल परिवहनकर्ताओं को पकड़कर खानापूर्ति की जा रही है, रेत के साथ-साथ गिट्टी, मिट्टी, मुरूम के परिवहन कर रहे परिवहनकर्ताओं को ही पकड़ा जा रहा है, जिनसे मोटी रकम ली जा रही है. पहले दिन की कार्रवाई यह दर्शाती है कि उत्तरप्रदेश चुनाव का फंड जमा करने का ठेका प्रशासन ने उठा लिया है. 
 
श्री मूणत ने आगे कहा कि पूरे प्रदेश में जिस तरह की चर्चाएं है कि जिस तरह शराब का काम करने वाले व्यक्ति से छीनकर दूसरे को सौंपा गया है, ठीक उसी तरह रेत का काम भी अब किसी और को सौंपने की तैयारी है. राजनीतिक चर्चाओं के बीच यह बातें भी छनकर आ रही है कि कांग्रेस की अरूंदनी राजनीतिक सेटिंग बिगड़ चुका है.अब दूसरे लॉबी को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है,इसके चलते पूरे प्रशासन को झोंक दिया गया है.
 
 उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य यह है कि जिला और पुलिस प्रशासन को कानून व्यवस्था और आम जनता से जुड़े काम करना चाहिए, उस प्रशासन की पूरी ताकत को कांग्रेस सरकार ने परिवहनकर्ताओं के पीछे झोंक दिया है. श्री मूणत ने यह भी सवाल उठाया कि जब पूरे प्रदेश में सरकारी निर्माण कार्य बंद है,रियल इस्टेट कारोबार ठप पड़ा है,तब आखिर रेत का उत्खनन और परिवहन कहां किया जा रहा है? श्री मूणत ने यह भी कहा कि केवल कागजी खानापूर्ति के बजाए रेत ठेकेदारों का ठेका निरस्त करे और खनिज नीति में पुन: संशोधन करें.