:प्रकाशनार्थ:
3 फरवरी 2022
 
भूपेश सरकार के गलत निर्णयों के कारण आदिवासी शासकीय सेवकों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है : विकास मरकाम
 
          रायपुर/ भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष विकास मरकाम ने 4 फरवरी को अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ तथा सर्व आदिवासी समाज द्वारा प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण ना मिलने के कारण आयोजित धरना प्रदर्शन पर भूपेश बघेल सरकार को घेरते हुए कहा है कि शासकीय सेवकों के लिये पदोन्नति में आरक्षण का लाभ आदिवासियों का संवैधानिक अधिकार  है।  प्रदेश में भूपेश बघेल सरकार के गलत निर्णयों के कारण आदिवासी वर्ग के शासकीय सेवक फरवरी 2019 से पदोन्नति में आरक्षण के लाभ से वंचित हो गये हैं। उन्होंने बताया कि भूपेश बघेल सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए पदोन्नति का नया नियम बनाना था ताकि पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिल सके परंतु कांग्रेस की ये सरकार इस पर गंभीर नहीं है।
        भूपेश बघेल सरकार की मंशा वास्तव में पदोन्नति में आरक्षण देने की है तो माननीय सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान निर्णय और जनरैल सिंह निर्णय के अनुसार प्रदेश सरकार को प्रत्येक संवर्ग में अजजा/अजा सदस्यों को अपर्याप्तता के आंकड़े जुटाने चाहिये तथा यह भी दिखाना चाहिये कि पदोन्नति से प्रशासन की कुशलता प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि शासकीय कर्मचारी उसी विभाग के हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार उपरोक्त आंकड़े जुटाकर छग लोक सेवा पदोन्नति नियम क्र.5 पूरे तथ्यों के साथ उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया जाना चाहिये, ताकि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग के शासकीय सेवकों को पदोन्नति में आरक्षण का अधिकार मिल सके।
        भाजपा के अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनकी सरकार के गलत निर्णयों के कारण आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के साथ हनन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण कोई भीख नहीं बल्कि हमारा संवैधानिक अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे।