रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के रायपुर प्रवास के दौरान नवा रायपुर में किसानों पर लाठियां बरसाये जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विरोध के स्वर सुनना ही नहीं चाहते। चाहे वह आम जनता का हो, किसान का हो या अपनी ही पार्टी के किसी सदस्य का। राहुल के दौरे के वक्त जो तस्वीर छत्तीसगढ़ की जनता के सामने आई है, वह बता रही है कि किस तरह लोकतंत्र की आवाज को कांग्रेस की सरकार दबा रही है। किसान अपना विरोध प्रदर्शन करने राहुल गांधी के कार्यक्रम स्थल पहुंच गए थे जिन पर पुलिस के द्वारा बेरहमी से लाठियां बरसाई गईं।
 
  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि किसानों पर लाठी बरसाने वाले बघेल खुद को किसान बताना छोड़ दें। उन्होंने कहा कि  यूपी में किसानों से हमदर्दी और रायपुर में किसानों पर लाठी भूपेश बघेल का दोहरा मापदंड है। भूपेश बघेल यूपी में कांग्रेस की छोटी मैडम की खुशामद में वहां के किसानों के हमदर्द बनकर छत्तीसगढ़ की जनता और किसानों के धन को कांग्रेस का चुनावी फंड समझकर मुआवजावीर  बनने की कोशिश करते हैं और अपने ही राज्य के किसानों पर लाठियां भांजने की हरकत करने के बाद उन्हें कोई हक नहीं कि वे खुद को किसान बताते फिरें। क्या कोई किसान न्याय मांग रहे किसानों पर इस तरह लाठीचार्ज करवा सकता है? भूपेश बघेल किसानों के साथ छलावा करते रहे हैं। उनके साथ राजनीति करते रहे हैं। उन्हें किसानों की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं है। उनकी असलियत तो राहुल के दौरे पर किसानों पर चली निर्मम लाठियों से उजागर हो चुकी है। अब किसानों को भूपेश बघेल को अपनी किसान बिरादरी से बहिष्कृत कर देना चाहिए।
 
  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि किसानों से छल कपट करके सत्ता में आई कांग्रेस पहले दिन से ही किसानों के शोषण में लगी हुई है। 2500 का झुनझुना पकड़ाकर उनकी सारी सब्सिडी बंद कर दी गई। कर्ज माफी के नाम पर दिखावा किया गया। किसान की हालत खराब है वे आत्महत्या कर रहे हैं, सरकार हर साल उनकी धान खरीदी में हीलाहवाली करती है। तमाम प्रपंच रचे जाते हैं। धान खरीदी से बचने बारदाने की राजनीति की जाती है। किसान से ज्यादा धान लेकर उसे लूटा जा रहा है। देर से धान खरीदी शुरू करने के कारण किसानों का भारी नुकसान हुआ, उन्हें पर्याप्त मुआवजे की दरकार से सरकार को कोई हमदर्दी नहीं है। दिल्ली सीमा पर किसान को समर्थन देने का नाटक करने वाले राहुल गांधी से अगर रायपुर के किसान मिल लेते तो भूपेश बघेल को इसमें क्या गलत लगा? उन्होंने कहा कि बघेल अपनी आंखों से राहुल को छत्तीसगढ़ दिखाना चाहते थे इसलिए वे अपनी ढोल की पोल खुलने के डर से किसानों को बर्दाश्त नहीं कर पाए।