रायपुर। पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ सरकार और प्रशासन को कांग्रेस की कठपुतली करार दिया हैं। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने छत्तीसगढ़ सरकार पर दोहरा मापदंड वाली सरकार करार देते हुए पूछा हैं कि राजधानी रायपुर में जहाँ भाजपा द्वारा जनसमस्या के निवारण हेतु 3 फरवरी को पैदल मार्च की अनुमति नहीं दी जाती वही उसी तारीख पर कांग्रेस के नेता सांसद राहुल गांधी की भीड़ भाड़ वाली जनसभा सहित विभिन्न भीड़ जुटाउ कार्यक्रम की अनुमति किस अधिकार किस कानून के तहत दी गयी हैं? उन्होंने कहा कि शासन के आदेशानुसार जब राजधानी रायपुर में धरना, जुलूस आदि पर प्रतिबंध हैं तो राहुल गांधी का कार्यक्रम किस कानून के तहत हो रहा हैं? राहुल गांधी के कार्यक्रम को अनुमति किस प्रशासनिक अधिकार के तहत प्रदान की गयी हैं? क्या जनसमस्या के लिए ही प्रतिबंध हैं और कांग्रेस के कार्यक्रमो के लिए विशेष छूट हैं क्या? 
 
पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रशासन कांग्रेस के दबाव में दोहरे मापदण्ड से बाज़ आये। उन्होनें कहा कि एक ही तारीख पर एक ही शहर में दो कानून हैं क्या? यदि प्रशासन ने कोई दोहरे मापदण्ड वाला नया कानून छत्तीसगढ़ में बनाया हैं तो प्रशासन को स्पष्ठ करना चाहिए यह छत्तीसगढ़ के इतिहास में अनोखा मामला होगा और ऐसी उपलब्धि के लिए प्रशासन के होनहार अधिकारियों को सामने आना चाहिए और बताना चाहिए कि कैसे एक ही शहर में वे एक ही समय पर दोहरे मापदण्ड के साथ कानून का पालन करा रहे हैं? उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी बार बार संविधान की बात करते हैं छत्तीसगढ़ में कानून का राज होने की बात करते हैं ऐसे में इस दोहरे मापदण्ड वाले कानून पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपनी सरकार की अद्भुत उपलब्धि के रूप में जनता के सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताना चाहिए कि जनसमस्या व निराकरण के लिए पैदल मार्च  और राहुल गांधी के जुलूस के लिए अलग अलग कानून हैं क्या?