रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश में हिन्दी माध्यम के स्कूलों को बंद कर दिया जा रहा है जिसके कारण छात्रों का भविष्य अधर में फंस गया है। शिक्षा के विस्तार के लिए नवीन स्कूलों का खोला जाना जरूरी है लेकिन इसको लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। भाजपा सरकार के समय प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई सफल प्रयोग किए गए। प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान प्रतिदिन लगभग 7 नवीन शैक्षणिक संस्थानों के विकास, उन्नयन पर कार्य हुए जो ऐतिहासिक है। 2003 में प्रदेश में कुल 21082 स्कूल संचालित हो रही थी जो भाजपा की सरकार आने के बाद 2018 तक बढ़कर लगभग 60726 स्कूल हो गए। लेकिन प्रदेश की कांग्रेस जब से सत्ता में आई है स्कूल खोलने के बजाय पुराने स्कूल भवन पर ही आत्मानंद विद्यालय को प्रारंभ किया है जिसे लेकर कोई तैयारी नहीं है। जिसके कारण छात्रों व उनके पालकों के सामने कई संकट खड़े हो गए है। उन्होंने कहा कि पहले से संचालित स्कूल भवनों में आत्मानंद स्कूल खोलकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार वाहवाही लूट रही है लेकिन उन स्कूलों में पढ़ने वालों छात्रों के भविष्य की चिंता प्रदेश की सरकार नहीं कर रही है। 
 
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार को आत्मानंद स्कूल के संचालन के लिए नए भवनों का निर्माण करना चाहिए ताकि अध्यापन का कार्य सुचारू रूप से चल सके। हम कहीं भी शैक्षणिक संस्थाओं के उन्नयन व खुलने का विरोध नहीे करते हैं लेकिन प्रदेश सरकार को पूरी तैयारी के साथ आत्मानंद विद्यालय को प्रारंभ करने से पहले व्यवस्था की उचित समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दी माध्यम के स्कूलों को जिस तरह से बंद किया जा रहा है उसका विरोध करते हैं इन स्कूलों में हिन्दी के साथ अन्य भाषा की पढ़ाई होती है तो बेहतर होगा। जिस तरह से केन्द्र सरकार द्वारा आवासीय एकलव्य व नवोदय विद्यालयों में पढ़ाई हो रही है उस मॉडल में प्रदेश सरकार को आत्मानंद विद्यालय के विस्तार पर कार्य करना चाहिए। जिस तरह की परिस्थितियां आत्मानंद विद्यालय को लेकर प्रदेश में निर्मित हो रही है आने वाले समय में स्थिति विकराल ना हो जाए इसकी चिंता प्रदेश सरकार को छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को रखते हुए तत्काल करनी चाहिए।