रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के निकम्मेपन के चलते समूचे प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाएँ वेंटिलेटर पर पहुँच गई है। हर ज़गह कमीशनखोरी के चलते प्रदेश सरकार कांग्रेस की एटीएम बन गई है और निजी अस्पताल लूट के अड्डे व ग़रीबों-आदिवासियों की जान के दुश्मन बन गए हैं। श्री कश्यप ने कोरबा के मेडिकल कॉलेज़ सह ज़िला अस्पताल में चल रहे कमीशनखोरी के खेल के चलते एक पहाड़ी कोरवा महिला की मौत के सामने आए मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में हालात इतने शर्मनाक हैं और कांग्रेस व प्रदेश सरकार अन्य राज्यों में झूठे दावे कर छत्तीसगढ़ मॉडल के नाम पर सियासी लफ़्फ़ाजियों में मशगूल हैं!
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि पर्यटन के लिहाज़ से मशहूर ग्राम सतरेंगा निवासी पहाड़ी कोरवा सुखसिंह की पत्नी सोनी बाई कोहनी में मामूली फ़्रैक्चर के इलाज के लिए कोरबा के ज़िला अस्पताल में अपने पुत्र के साथ पहुँची थी जहाँ मिले शुभम नामक बिचौलिए ने बेहतर इलाज का झाँसा देकर गीतादेवी मेमोरियल अस्पताल भेज दिया जहाँ ऑपरेशन से पहले ही उक्त महिला की मौत हो गई। श्री कश्यप ने कहा कि जिस प्रदेश में कोहनी के मामूली-से फ़्रैक्चर के इलाज के दौरान ही पहाड़ी कोरवा महिला को जान से हाथ धोना पड़ गया हो, उस प्रदेश की कांग्रेस सरकार के नाकारापन और बदहाल हो चली स्वास्थ्य सेवाओं का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है! श्री कश्यप ने कहा कि आदिवासी इलाक़े में ख़ुद की दबंग राजनेता की छवि पर इठलाते और ख़ुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताते प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर ख़ूब बड़ी-बड़ी डींगें हाँकते रहते हैं, जबकि ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीतियों और नेतृत्वहीनता के चलते प्रदेश के लोग बेहतर इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और इलाज के बदले उन्हें मौत मिल रही है।
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि हालात इतने बदतर हो चले हैं कि ग़रीब, मज़दूर, आदिवासी, सब लाज के लिए भटक रहे हैं, सरकारी अस्पतालों में उनका समुचित इलाज हो नहीं रहा है और वहाँ शिकार की तलाश करते कमीशनखोर उन्हें निजी अस्पताल लेकर जा रहे हैं, जहाँ उनकी मौत हो रही है। श्री कश्यप ने सवाल किया कि क्या प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएँ इतनी ठप और गंदी हो गई हैं कि किसी के हाथ में फ़्रैक्चर हुआ तो मरीज को अपनी जान गँवानी पड़ रही है? क्या प्रदेश सरकार को अपने इस कलंकित कार्यकाल को लेकर ज़रा भी लज्जा अनुभव नहीं हो रही है? कोरबा ज़िले के इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय कार्रवाई के नाम पर महज़ कागजी घोड़े दौड़ाने का पाखंड करने के बजाय ईमानदारी के साथ इसमें संलिप्त लोगों की पहचान करके उनकी ज़िम्मेदारी तय करे और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे।
 
श्री कश्यप ने कहा कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रो की रक्षा सरकार नही कर पा रही तो आम आदिवासी के साथ कितना शोषण हो रहा होगा ये समझा जा सकता है।