रायपुर। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम द्वारा आदिवासी  बच्चों की मौत  का मामला उठाने पर आंकड़ों को सरकार के प्रवक्ता मंत्री द्वारा झुठलाने तथा स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्वीकार कर श्री नेताम को इस तरफ ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद दिए जाने पर कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार के दो मंत्री एक ही मामले में दो अलग अलग राय व्यक्त कर रहे हैं। भूपेश बघेल सरकार चला रहे हैं या सर्कस! उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतायें कि सरकार के प्रवक्ता मंत्री के बयान को सरकार का बयान माना जाय या  स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तथ्य पर स्वास्थ्य मंत्री की स्वीकारोक्ति को। भूपेश बघेल सरकार में आबकारी विभाग के जवाब परिवहन मंत्री देते हैं और स्वास्थ्य विभाग से संबंधित मुद्दे पर कृषि मंत्री सच को झूठ करार देते हैं। यह क्या तमाशा है। गरीब आदिवासी बच्चों की मौत पर कांग्रेस सरकार नौटंकी कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के मंत्री के अधिकार क्षेत्र में कृषि मंत्री अतिक्रमण कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस को जनता की जान से खिलवाड़ करने और हजारों आदिवासी बच्चों की मौत को झुठलाने के लिए नहीं चुना है।
 
  भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार में पहले दिन से ही सत्ता संघर्ष की राजनीति के तहत स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को हाशिये पर रख दिया गया। उनके विभागीय अधिकारों पर कब्जा किया गया। उन्हें विफल साबित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को पंगु बना दिया गया। कांग्रेस के आंतरिक द्वंद्व की कीमत छत्तीसगढ़ की जनता को चुकानी पड़ रही है। स्वास्थ्य सेवाओं पर कांग्रेस के ढाई ढाई साल के फार्मूले का साया तीन साल से  जनता की जान का दुश्मन बनकर मंडरा रहा है। यह कलह कांग्रेस की है और जनता को इससे कोई मतलब नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच किस्सा कुर्सी का राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को चरमरा चुका है। कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए शराब पर सेस लगाकर करीब 400 करोड़ वसूले गए लेकिन स्वास्थ्य विभाग को एक पैसा भी नहीं मिला। यह कैसी सरकार है जो मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई में गरीब आदिवासी बच्चों को बेमौत मरने के लिए मजबूर कर रही है।
 
  भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने स्वीकार किया है कि सांसद श्री नेताम ने सत्य पर प्रकाश डाला है, मौत के ये आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के डाटा बैंक से लिये गए हैं तो इस भयावह स्थिति के लिए सरकार के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिम्मेदार हैं या वे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दोषी हैं जिन्हें अपने विभाग में ही उपेक्षित रखा गया है। यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की दम तोड़ चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए अपने स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार और विफल मानते हैं तो उन्हें तत्काल हटा दें और यदि स्वास्थ्य मंत्री अपने दायित्वों के प्रति समर्पित हैं तो अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को झूठा ठहराने वाले प्रवक्ता मंत्री रविन्द्र चौबे को फौरन बर्खास्त किया जाये।