रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता  संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि माफ़ियाओं, ट्रांसपोर्टर्स और पुलिस की साँठगाँठ से अब ऑक्शन के कोयला की तस्करी कर भारी हेराफेरी और रोजाना लाखो रुपए (प्रति ट्रक) से अधिक मूल्य का कोयला चोरी करके पार किए जाने के खुलासे के बाद प्रदेश सरकार का भ्रष्ट राजनीतिक चरित्र बेनक़ाब हो गया है। श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस इस ओर से जिस तरह आँखें मूंदकर इस अवैध कृत्य को अनदेखा कर रही है, उससे यह यह साफ़ साबित हो रहा है कि प्रदेश सरकार के संरक्षण में ये सब अवैध काम चल रहे हैं।
 
भाजपा  प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव  ने कहा कि सरगुजा ज़िले की महान-3 कोल माइंस में ऑक्शन का कोयला माफ़ियाओं द्वारा ट्रांसपोर्टर्स के साथ मिलीभगत कर उसे पहले कोल डिपो ले जा रहे हैं और फिर घटिया कोयला लोड कर उसे संबंधित कम्पनियों को भेज रहे हैं। श्री श्रीवास्तव ने हैरत जताई कि इस काम में जिन ट्रकों का इस्तेमाल हो रहा है, उस ट्रक, उसके डाला और चेसिस का नंबर एकदम अलग और अलग-अलग राज्यों का होता है, परंतु बावज़ूद इसके पुलिस राजनीतिक दबाव में ऐसे ट्रकों को छोड़कर ख़ुद इस गोरखधंधे में संलिप्त प्रतीत हो रही है। इसके अलावा उक्त माइंस से प्रतिदिन 50 ट्रक कोयला लोड होता है और इस मान से रोजाना 25 से 50 लाख रुपए मूल्य का कोयला चोरी से पार हो रहा है। माह में इस तरीक़े से लगभग न्यूनतम 7.5 करोड़ रुपए का कोयला पार किया जा रहा है।
 
श्री श्रीवास्तव ने सवाल किया कि हर माह इस माइंस से साढ़े सात करोड़ रुपए का कोयला चोरी से पार हो रहा है, तो प्रदेश सरकार यह साफ़ करे कि इस चोरी में उसका कितना हिस्सा है? दिल्ली कितना भेज रही है? छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं को इसमें कितना हिस्सा मिल रहा है? श्री श्रीवास्तव ने कहा कि देश-प्रदेश में एक ओर उद्योगों में कोयला संकट का शोर मचाया जा रहा है, वहीं कोयले की तस्करी, चोरी और दलाली का शर्मनाक खेल चल रहा है। प्रदेश में ऐसा अब कोई काम नहीं बचा है, जिसे इस निकम्मी प्रदेश सरकार ने माफ़ियाओं के हवाले न किया हो। इस काम में 25 रुपए प्रति क्विंटल बतौर कमीशन कांग्रेस के खाते में जाना यह साबित करता है कि कांग्रेस और भूपेश-सरकार पूरी तरह माफ़ियाओं के साथ खड़ी है। श्री श्रीवास्तव  ने सवाल किया कि क्या प्रदेश की कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ को माफ़ियाओं के हाथों बेचकर या माफ़ियाओं के हवाले करके कहीं भागने की फ़िराक़ में है? आख़िर प्रदेश सरकार अपने ही प्रदेश के लोगों के साथ गद्दारी करने पर आमादा क्यों नज़र आ रही है?