कांग्रेस अपने सारे वादों से मुकर गई, शराबबंदी लागू नहीं करेगी - भाजपा कांग्रेस के वादे और इरादे में कोई मेल नहीं
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने ने कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सुशील शुक्ला के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के मुताबिक अपने प्रदेश अध्यक्ष के बयान को दोहराकर यह पुष्टि कर दी है कि कांग्रेस की सरकार का शराब बंदी लागू करने का कोई इरादा था, न है और न ही वह अपने घोषणा पत्र के वादे के अनुसार इसे लागू करेगी। वादा करके मुकर जाना कांग्रेस की राजनीति का मूल तत्व है। कांग्रेस कहती कुछ है और करती कुछ और है। चुनाव में बेरोजगारों को रोजगार तथा भत्ता देने का वादा किया था, उससे मुकर गई। किसान का कर्ज माफ करने का वादा किया था, उसमें भी गोलमाल कर दिया। किसान का दाना दाना खरीदने का दावा करते हैं और किसानों का पूरा धान खरीदने की बजाय लक्ष्य से भी कम धान खरीदा। जबकि समर्थन मूल्य से लेकर सारी व्यवस्था का खर्च केंद्र सरकार वहन करती है। शराबबंदी लागू करने का वादा किया तो उसमें भी अनुसूचित क्षेत्र का अड़ंगा लगाकर वादे से मुकर रही है। कांग्रेस का घोषणा पत्र कांग्रेस के फरेबी चरित्र का प्रमाणपत्र साबित हो चुका है।
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी नालिनीश ठोकने ने कहा कि भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस ही शराबबंदी सहित अपने घोषणा पत्र के सभी वादों पर सिर्फ राजनीति ही करती आ रही है। तीन साल में एक भी वादा ईमानदारी से पूरा नहीं किया है लेकिन लगभग सारे वादे पूरे करने का ढोल पीट रहे हैं। यदि वादे पूरे किए होते तो विकास की पटरी पर दौड़ने वाला छत्तीसगढ़ विनाश लीला देखने के लिए अभिशप्त न होता। कांग्रेस स्वस्थ, समृद्ध छत्तीसगढ़ के सपने पर ग्रहण बन गई है। इस ग्रहण से उबरे बिना जनता को न्याय नहीं मिल सकता।
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी नालिनीश ठोकने ने कहा कि कांग्रेस के मन में खोट और मत में भेद है। वह छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के नाम पर कमेटीबाजी का स्वांग करती है। बिहार में लागू शराबबंदी को हटाने का झांसा देती है और झारखंड को शराब से आमदनी बढ़ाने का हुनर देती है। शराब बंदी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुछ कहते हैं। महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया जी कुछ और कहती हैं। आबकारी मंत्री कवासी लखमा जी कुछ कहते हैं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम जी कुछ औऱ ही कहानी सुनाते हैं इसके बाद कांग्रेस का प्रचार तंत्र अपने ही घोषणा पत्र का पोस्टमार्टम करने लगता है। सारा छल प्रपंच स्पष्ट कर रहा है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ की जनता से किया कोई भी वादा पूरा करने तैयार नहीं है।