रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उनमें चाहे कोई और दक्षता न हो लेकिन वे फुल कॉन्फिडेंस के साथ झूठ बोलने में माहिर हैं। मोदी सरकार की योजना को अपना बताकर शेखी बघार रहे हैं। केंद्र की पिछली मोदी सरकार के समय ही अंतिम पूर्ण बजट में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गोबर धन योजना का समावेश किया था। गांव गरीब किसान महिलाओं को लाभ पहुंचाने की योजनाओं की शुरुआत की गई थी। देश के 115 जिलों की समावेशी विकास के लिए पहचान की गई। भूपेश बघेल केंद्र की मोदी सरकार की गोबर धन योजना को राजीव गांधी गोधन न्याय योजना बताकर झूठ बोल रहे हैं। उनकी सरकार ने गोबर से पेंट बनाने का जो एमओयू किया है वह भी केंद्र सरकार पहले ही पहल कर चुकी है। भूपेश बघेल केंद्र की भाजपा सरकार को फॉलो कर रहे हैं, यह अच्छी बात है, उन्हें इसके लिए धन्यवाद। लेकिन वे मोदी सरकार की योजनाओं को अपना बताकर कोरी वाहवाही लूटने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में यह कहें कि गुजरात मॉडल वाले उनका मॉडल गुनगुना रहे हैं, राजनीतिक भौंडेपन का जीता जागता उदाहरण है।
 
   प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर  हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा विकास और विश्वास का प्रतीक है। कांग्रेस झूठ फरेब झाँसेबाजी तथा विश्वासघात का पर्याय है इसीलिए उसे देश की जनता ने ठिकाने लगा दिया है। जो थोड़ी सी बची है वह भी अगली बार साफ हो जायेगी। भूपेश बघेल कांग्रेस की झाँसेबाजी और जनता से विश्वास घात की परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। उन्होंने विकास की पहचान छत्तीसगढ़ को विनाश के जिस दौर में पहुंचा दिया है उस भूपेश मॉडल को कोई स्वीकार नहीं कर सकता। हत्या, लूट, बलात्कार, अपहरण, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, माफियाराज के भूपेश मॉडल को छत्तीसगढ़ मॉडल बताना ही छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है। छत्तीसगढ़ की जनता को ऐसा भूपेश मॉडल नहीं चाहिए। जनता ने छत्तीसगढ़ के विकास और जनता की बेहतरी के लिए कांग्रेस के वादे पर ऐतबार किया मगर कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र तैयार करने वाले को ही शिकार बना दिया, घोषणा पत्र पर अमल करने की इनसे क्या उम्मीद की जा सकती है।
 
  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गोबर धन योजना पर बात करने से इतना ज्यादा इतराने की जरूरत नहीं है। हवा में उड़ रहे भूपेश बघेल और उनके नेतृत्व को  उत्तर प्रदेश के परिणाम आने के बाद अपनी हैसियत पता चल जायेगी। भूपेश बघेल असम का स्मरण कर लें और अपने बोल की पोल खुलने की फजीहत से बचें।