कांग्रेस सरकार का चौथा बज़ट ‘लोक-बज़ट’ कम, ‘फेक-बज़ट’ ज़्यादा : भाजपा भाजपा नेताओं ने कहा- पुरानी और विफल योजनाओं में मामूली हेरफेर करके प्रदेश को चकमा देने की कोशिश, पुरानी बोतल पर नया लेबल लगाकर खपाने के राजनीतिक पाखंड को जनता भलीभाँति समझ रही है
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार का चौथा बज़ट लोक-लुभावन घोषणाओं का पुलिंदा है जिसमें प्रदेश की जनता को राहत देकर विकास की ठोस पहल की इच्छाशक्ति का नितांत अभाव है। भाजपा ने कहा कि पुरानी और विफल हो चलीं योजनाओं में मामूली हेरफेर करके प्रदेश को चकमा देने की कोशिश को पुरानी बोतल पर नया लेबल लगाकर खपाने की प्रदेश सरकार बाजीगरी दिखा रही है लेकिन प्रदेश की जनता इस राजनीतिक पाखंड को भलीभाँति समझ रही है। यह ‘लोक-बज़ट’ कम, ‘फेक-बज़ट’ ज़्यादा है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रस्तावित बज़ट में आदिवासी क्षेत्रों में पुजारियों, बैगा-गुनिया और माँझी के लिए बेहद कम राशि की घोषणा करके आदिवासी क्षेत्रों में चल रहे धर्मांतरण के कुचक्र और आदिवासियों के धर्मस्थलों व मूर्तियों के लगातार हुए और हो रहे विध्वंस से प्रदेश का ध्यान भटकाने की कोशिश की है। श्री साय ने कहा कि आदिवासियों के सर्वांगीण विकास, सम्मानजनक जीवन-स्तर और उनकी पूरी सुरक्षा को लेकर यह बज़ट मौन है। अपने संसाधनों से प्रदेश की राजस्व आय बढ़ाने के नाम पर प्रदेश सरकार ने ले-देकर अब विचार किया है, और इस लिहाज़ से भी रजिस्ट्री शुल्क बढ़ाकर प्रदेश की जनता पर आर्थिक बोझ लादने का ही काम किया है।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रय नारायण चंदेल, भूपेंद्रसिंह सवन्नी और किरण देव ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस बज़ट में कुछ भी नया नहीं है और हर मोर्चे पर विफलताओं का बोझ ढोती प्रदेश सरकार ने आधे-अधूरे मन से जिन कामों को करने की बात कही है, उसमें उसके विज़न का सर्वथा अभाव नज़र आ रहा है। भाजपा प्रदेश महामंत्रियों ने कहा कि अपने महज़ तीन साल के कार्यकाल में ही लगभग 51 हज़ाार करोड़ रुपए के कर्ज़ के दलदल में छत्तीसगढ़ को धँसा चुकी प्रदेश सरकार का यह बज़ट प्रदेश में आय के नए स्रोत तलाशने के बजाय एक बार फिर उधार के अर्थतंत्र की दिशा में प्रदेश को धकेलने वाला साबित होगा।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने महिला सशक्तिकरण, सुरक्षा और उन्नति के समुचित व समान अवसरों के लिहाज़ से प्रदेश सरकार के बज़ट को पूरी तरह निराशाजनक बताया और कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मानपूर्वक जीवनयापन की गारंटी देने में यह बज़ट विफल है। श्रीमती राजपूत ने कहा कि बज़ट भाषण में महिला स्व-सहायता समूहों के ऋण माफ़ी का ज़िक़्र करने वाली प्रदेश सरकार ने इन समूहों के चलते रोज़गार को छीनने पर कोई प्रायश्चित नहीं किया है और हज़ारों समूहों से जुड़ीं महिलाएँ रेडी टू ईट का काम उनसे छीने जाने के कारण आज भी परेशान हो रही हैं। इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार की चुप्पी बताती है कि यह सरकार महिला-विरोधी है।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि किसानों के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाकर सस्ती राजनीति करने वाली प्रदेश सरकार ने किसानों के जीवन-स्तर के उठाने और खेती-किसानी के काम को सुगम और लााभपरक बनाने का कोई संकल्प इस बज़ट में व्यक्त नहीं किया है। उत्तरप्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट के नाम पर बगलें बजाती प्रदेश सरकार अपने चौथे बज़ट में भी अपने इस वादे पर ख़ामोश है और किसानों के साथ छलावा करने के अलावा और कुछ नहीं कर रही है। सिँचाई योजनाओं के लिए भी किया गया अत्यल्प बज़ट प्रावधान सरकार के किसान विरोधी चरित्र का परिचायक है। किसानों के साथ क़दम-क़दम पर दग़ाबाज़ी करने वाली सरकार ने किसानों को केवल त्रस्त और आत्महत्या के लिए मज़बूर ही किया है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू ने बज़ट भाषण में रोज़गार के नाम पर प्रदेश को एक बार फिर ग़ुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बज़ट में बेरोज़गारी भत्ते के लिए कोई प्रावधान इस वर्ष भी नहीं करने वाली और तीन साल में 5 लाख नौकरियाँ देने कर झूठी वााहवाही बटोरने का शर्मनाक उपक्रम कर रही प्रदेश सरकार बताए कि अपने पूरे कार्यकाल में 15 लाख रोज़गार मुहैया कराने का दावा वह किस आधार पर कर रही है? श्री साहू ने कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल और लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में छात्रों को परीक्षा शुल्क में छूट देने की घोषणा करके प्रदेश की युवा प्रतिभाओं को झुनझुना थमाने का काम भूपेश सरकार ने किया है।
भाजपा अजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय व अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रदेश सरकार के बज़ट को निराश करने वाला बताया। श्री मार्कण्डेय व श्री मरकाम ने कहा कि अजा-अजजा वर्ग के उत्थाान की कोई ठोस परिकल्पना यह बज़ट नहीं दे रहा है। प्रदेश सरकार की बज़ट घोषणाएँ तो अधिकांशत: केंद्र सरकार के अनुदान पर निर्भर हैं और प्रदेश सरकार इन घोषणाओं पर अमल करने की अपनी ज़वाबदेही से मुँह चुराने और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप करने में वक़्त जाया करेगी। अजा-अजजा क्षेत्रों में बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिए भी ठोस प्रयासों का इरादा प्रदेश सरकार के बज़ट में कहीं नज़र नहीं आ रहा है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री त्रय राजेश मूणत, केदार कश्यप के साथ ही अनुराग सिंहदेव तथा संजय श्रीवास्तव ने कहा कि अपने बज़ट भाषण में प्रदेश सरकार ने लोक-लुभाावन घोषणाओं की तो झड़ी लगा दी, लेकिन अहम सवाल यह है कि इन पर काम करने का रोडमैप क्या होगा? भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि बज़ट में पुरानी पेंशन योजना की बहाली करने वाली प्रदेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ते पर मौन साधकर अपने कर्मचारी विरोधी रवैए का परिचय दिया है। आर्थिक कंगाली के मुहाने पर प्रदेश को ला खड़ा करने वाली प्रदेश सरकार ने विकास का कोई विज़न पेश करने के बजाय नए काम और योजनाओं की घोषणाएँ करते हुए यह बताने की ज़रूरत नहीं समझी कि इनके लिए वह राशि कहाँ से जुटाएगी?