रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार द्वारा आवंटित कोल ब्लॉक में खनन की अनुमति के लिए राजस्थान के  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा यहां आकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विनती करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इसमें कोई समझौता नहीं हो सकता कि छत्तीसगढ़ के हित प्रभावित हों लेकिन इस मामले में लगता है कि छत्तीसगढ़ के नहीं, भूपेश बघेल के हित प्रभावित हो रहे हैं। 
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि भूपेश बघेल कह रहे हैं कि नियमानुसार राजस्थान को कोयला दिया जायेगा, प्रक्रिया में समय लगता है तो सवाल यह है कि किसने कहा है कि राजस्थान को नियमों के बाहर जाकर कोयला खनन करने की अनुमति दें। यह भी सवाल है कि इस प्रक्रिया में कितना समय लगता है? राजस्थान को भारत सरकार ने उसकी जरूरत की बिजली पैदा करने की लिए कोल ब्लॉक आवंटित किया है तो यह पूरे नियम कायदे के साथ किया गया है।
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि देश में अब कांग्रेस की बैसाखी सरकार नहीं है जिसमें कोल ब्लॉक आवंटन में हाथ काले किये जाते थे। अब भाजपा की मोदी सरकार है जो देश के हर राज्य की जरूरत के मुताबिक बराबर का हक देती है। भूपेश बघेल राजस्थान के हक पर टांग अड़ाए हुए हैं तो वजह कुछ और है। अन्यथा राजस्थान को बहुत पहले ही उसे आवंटित ब्लॉक से कोयला खनन की अनुमति मिल चुकी होती। 
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय  ने कहा कि श्री गहलोत अपने राज्य के हक के कोयले के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख लिखकर थक गए। कोई सुनवाई नहीं हुई तो बेचारे खुद अपनी ही पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री से विनती करने आये और उन्हें नियम के नाम पर टरका दिया गया। भूपेश बघेल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को कोल ब्लॉक आवंटन में कौन से नियम की अनदेखी की है। क्या भूपेश बघेल अपने ऐसे निजी हित साधने के लिए अड़ंगा लगा रहे हैं जिससे कांग्रेस कंपनी के मालिकों के हित भी जुड़े हैं। भूपेश बघेल के खिलाफ अशोक गहलोत की आवाज सोनिया गांधी को अभी वैसे ही सुनाई नहीं दे रही, जैसे कभी अजीत जोगी के खिलाफ विद्याचरण शुक्ल की आवाज सुनाई नहीं देती थी।