भूपेश राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाएं- विष्णुदेव मनरेगा को लेकर बघेल के बयान पर साय का पलटवार
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में मनरेगा मजदूरी 11 रुपये की बढ़ोत्तरी के साथ 204 रुपये किये जाने को अपर्याप्त बताये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भूपेश बघेल केंद्र सरकार की हर बेहतर पहल पर असंतोष जाहिर करने की बीमारी के शिकार हैं। केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता भी बढ़ा दिया है। बघेल और उनकी पार्टी के नेता महंगाई का रोना रोते हैं तो वे राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता तत्काल प्रभाव से बढ़ाने की हिम्मत दिखाएं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मनरेगा मजदूरी में 11 रुपये की वृद्धि भूपेश बघेल को ऊंट के मुंह में जीरा लग रही है। वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनके तरीके से काम करे तो उन्हें समझना चाहिए कि यह मां बेटे की सरकार नहीं है। मोदी सरकार देश की जनता की सरकार है। वह देश के सभी राज्यों की स्थिति के अनुरूप व्यवस्था निर्धारित करती है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि भूपेश बघेल को हर मामले की तरह इसमें भी छत्तीसगढ़ की उपेक्षा का सपना दिख रहा है तो उन्हें यह भी देख लेना चाहिए कि भाजपा शासित मध्यप्रदेश में भी मनरेगा मजदूरी की दर 204 रुपये ही है। फिर वे छत्तीसगढ़ को आखिरी पायदान पर कैसे बता सकते हैं। केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के हित में हमेशा पहल करती है लेकिन भूपेश बघेल केंद्रीय योजनाओं पर कांग्रेस की लूटमार शैली लागू कर देते हैं। कांग्रेस के जनप्रतिनिधि लूटो खाओ की अपनी आदत के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना तक में गरीबों की गाढ़े पसीने की कमाई लूट रहे हैं। भूपेश बघेल सरकार इन कांग्रेसी लुटेरों को संरक्षण दे रही है। छत्तीसगढ़ को कांग्रेस ने लूट का अड्डा बना दिया है। मनरेगा में भी भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। जिसे देखने की जगह भूपेश बघेल अपनी आंखों पर पट्टी बांध लेते हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा भेजे जा रहे जनता के राशन में भूपेश बघेल गोलमाल कराकर 16 सौ करोड़ की गफलत कर चुके हैं। क्या कांग्रेस ने इसी रकम से उत्तर प्रदेश में दो सीटें जीतने लाखों रुपए में एक- एक वोट खरीदा है?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि भूपेश बघेल हद दर्जे की राजनीतिक कलाबाजी दिखाना बंद करें और गोबर खरीदी की दर 05 रुपये प्रति किलो करने के साथ ही राज्य के कर्मचारियों तथा पेंशनरों का महंगाई भत्ता बढ़ाएं। राजनीतिक रोना गाना उनके किसी काम नहीं आने वाला।