नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने हाईकोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को नोटिस जारी होने को सामान्य न्यायिक प्रक्रिया बताया है. श्री कौशिक ने कहा कि कांग्रेस नेता  द्वारा राजनीतिक सुर्खियां हासिल करने के लिए दायर याचिका में कुछ भी ऐसा नहीं है जिस पर अधिक बात करने की ज़रूरत हो. उन्होंने कहा कि जब भी न्यायालय के समक्ष कोई विचारणीय विषय आते हैं, तो उस पर नोटिस जारी होते ही हैं. इसमें कुछ भी नया नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन शपथ पत्रों के आधार पर याचिका लगाई गयी है उन शपत्र पत्रों को चुनाव आयोग और आयकर विभगा द्वारा पहले ही जांच कर लिया गया है और उनमें कोई विसंगति नहीं पाई गई है. श्री कौशिक ने कहा कि मुद्दों के अकाल से जूझ रही सत्ताधारी कांग्रेस के पास ऐसे उटपटांग हरकतें करते रहने के अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है. साढ़े तीन वर्ष सत्ता में रहने के बाद चूंकि कांगेस के पास बताने लायक एक काम नहीं है, इसलिए वह ऐसी उल-जुलूल हरकतें कर ध्यान बांटने की उसकी कोशिश रहती है. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद लगातार कांग्रेस बदलापुर की राजनीति करती रही है लेकिन आज तक किसी भी भाजपा नेता के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है उसे, उलटे माननीय कोर्ट ने एक अन्य मामले में यह टिप्पणी भी की है कि कांग्रेस राजनीतिक दुर्भावना के तहत मामले दर्ज कर रही है. इस मामले में हाईकोर्ट में लगी याचिका में पूर्व सांसद अभिषेक सिंह तो पक्षकार ही नहीं है। 
श्री कौशिक ने कहा है कि जिस कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष विभिन्न घोटालों में ज़मानतशुदा हो, जिस सरकार के मुख्यमंत्री भी घिनौने मामले में सीबीआई से चार्जशीटेड हों, ऐसे लोगों से किसी को प्रमाण पत्र नहीं चाहिए. श्री कौशिक ने कहा कि जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी होगा और हर बार की तरह इस मामले में भी कांग्रेस मूंह की खायेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा न्यायालय का सम्मान करती है और उसे न्यायिक प्रक्रिया पर पूर्ण भरोसा है. 
 
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धरमलाल कौशिक
नेता प्रतिपक्ष