रायपुर। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री dr रमन सिंह ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा बाहरी उम्मीदवार घोषित करने पर हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस के खाने और दिखाने के अलग अलग दांत सामने आ गए हैं। छत्तीसगढियावाद को ओढ़ने और बिछाने का ढोंग करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति तो छत्तीसगढ़िया चाहिए लेकिन राज्यसभा में पंजाब, दिल्ली और बिहार चलेगा, यह दोहरा चरित्र ही कांग्रेस की पहचान है। कांग्रेस कहीं से भी लाकर छत्तीसगढ़ पर किसी को भी लाद दे, उसकी मर्जी लेकिन अब वह छत्तीसगढियावाद का तमाशा करना बंद कर दे। छत्तीसगढ़ की जनता ने फिर एक बार देख लिया कि छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान का ढिंढोरा पीटने वालों के कृत्यों में छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की क्या कीमत है, क्या अहमियत है और कांग्रेस कंपनी के मालिकों के हुक्म की क्या वजनदारी है। छत्तीसगढ़ की जनता से मिले समर्थन की छत्तीसगढ़ को ऐसी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह जनता को अहसास नहीं था। जनता के आशीर्वाद को छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने दिल्ली दरबार को अर्पित कर दिया है। छत्तीसगढ़ की भावना का कोई मोल नहीं है। कांग्रेस के पास संख्याबल होने का यह मतलब नहीं है कि उसे छत्तीसगढ़ के आत्म सम्मान से खेलने का हक मिल गया।
 
पूर्व मुख्यमंत्री dr रमन सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रवाद की वकालत करते हुए राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों को ललकारने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में सोनिया गांधी के सामने भीगी बिल्ली क्यों बन जाते हैं। छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को सूली पर टांगकर कांग्रेस आलाकमान को कुर्सी की कीमत दी जा रही है। कांग्रेस अपने स्वाभिमान का जो करना है, शौक से करे लेकिन उसे छत्तीसगढ़ के जनादेश का ऐसा दुरुपयोग करने का परिणाम भोगने तैयार हो जाना चाहिए। जब छत्तीसगढ़ में दिल्ली का फरमान ही फुल एंड फाइनल है तो भूपेश बघेल और कांग्रेस छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की बात क्यों करते हैं। कांग्रेस का  छद्म छत्तीसगढियावाद उजागर हो गया है।
 पूर्व मुख्यमंत्री dr रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल के राज में पहले पंजाब के तुलसी को छत्तीसगढ़ के आंगन में रोपा गया और अब  कांग्रेस के दिल्ली दरबारी राजीव शुक्ला और बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजा जा रहा है। कोई भी कहीं से भी राज्यसभा भेजा जा सकता है, ऐसा कहने वाली कांग्रेस जरा यह भी बता दे कि छत्तीसगढ़ के किसी कांग्रेस नेता को किसी अन्य राज्य से राज्यसभा क्यों नहीं भेजती?