रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने भाजपा की ओर से झीरम घाटी के शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि झीरम के शहीद कांग्रेस की राजनीति के शिकार हो गए। झीरम का सच सामने आने में कांग्रेस और उसकी भूपेश बघेल सरकार बाधक बनी हुई है। क्या कारण है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न्यायिक जांच आयोग की रपट विधानसभा में रखने की बजाय उसे सार्वजनिक होने के पहले ही नया जांच आयोग गठित कर दिया। जिसकी कार्यवाही पर माननीय उच्च न्यायालय ने अंतरिम रोक लगा दी है।
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि जब 25 मई 2013 को झीरम घाटी नक्सली हमला हुआ, तब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी। भाजपा ने इस बेहद गंभीर मामले की उच्च स्तरीय जांच का आग्रह किया। तत्कालीन यूपीए सरकार ने एनआईए जांच का आदेश दिया। तब लगभग साल भर तक केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार रही। भाजपा ने जांच में तेजी लाने के लिए आग्रह किया लेकिन साल भर तक कांग्रेस ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। भाजपा की राज्य सरकार ने झीरम घाटी मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया। उसकी सुनवाई में घटना के चश्मदीद और मौजूदा कांग्रेस सरकार के मंत्री ने बयान दर्ज कराना उचित नहीं समझा, आखिर क्यों?
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट आ जाने के बाद कांग्रेस की राज्य सरकार को उसे विधानसभा में रखना चाहिए था लेकिन 6 माह से अधिक का समय बीतने पर भी कांग्रेस की सरकार ने न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। बल्कि भूपेश बघेल सरकार ने नया जांच आयोग गठित कर दिया। इसकी क्या वजह है?
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने माननीय उच्च न्यायालय में इसकी वैधानिकता को चुनौती दी और न्यायालय ने नए आयोग की कार्यवाही पर रोक का अंतरिम आदेश दिया तो इसमें भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शिकायत है कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक अदालत क्यों पहुंच गए। सरकार अगर असंवैधानिक व्यवस्था देगी तो इसके खिलाफ न्यायालय नहीं तो क्या राजीव भवन जायें?
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि झीरम के सबूत जेब में रखकर घूमने का दावा करने वाले भूपेश बघेल साढ़े तीन साल से मुख्यमंत्री हैं तो जेब से सबूत निकालकर शहीदों के साथ न्याय क्यों नहीं कर देते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि झीरम का सच सामने आये। झीरम के शहीदों के परिवार को यह समझना होगा कि शहीदों पर राजनीति कौन कर रहा है।