भारतीय जनता पार्टी आर.टी.आई. सेल के प्रदेश संयोजक डाॅ. विजय शंकर मिश्रा ने कहा है कि लगाया है कि श्रम विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता में एक लाख रुपए योग्य हितग्राहियों को दिए जाने का प्रावधान है किन्तु सरकार से सूचना के अधिकारी से प्राप्त दस्तावेज में हितग्राहियों का आवेदन क्रमांक व लाभान्वित दिनांक भिन्न-भिन्न है किन्तु कई हितग्राहियों का लाभान्वित दिनांक अलग होने के उपरांत भी एक ही चेक नंबर से भुगतान दर्शाया गया है। यह कैसे संभव हो सकता है कि एक ही चेक अलग-अलग दिनांक में भिन्न-भिन्न हितग्राहियों को दिया गया हो। इस शासकीय अभिलेख के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि हितग्राहियों को सहायता राशि नहीं मिल रही है या सहायता राशि के लेन-देन में अनियमितता है या सरकार हितग्राहियों को सहायता राशि न देकर मात्र रिकाॅर्ड में भुगतान दर्शा रही है। वास्तव में जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इस पूरे मामलें में हितग्राहियों के परिवार को एक ही नंबर के चेक द्वारा भुगतान किया जाना दिखाया जा रहा है जो कई शंकाओं को जन्म देता है। इस पूरे मामलें में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है और इस पर पर्दा डालने का काम भी प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। इस संबंध में जब आर.टी.आई सेल के बस्तर जिला संयोजक रूपेश जैन द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त की गई और बस्तर जिले के ग्राम तारापुर ब्लाॅक बकावंड के कुछ हितग्राहियों से जब सम्पर्क कर जब भौतिक सत्यापन किया गया तब पता चला कि कुछ हितग्राहियों को किसी भी प्रकार की कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। जो भारी भ्रष्टाचार को उजागर करता है। इस पूरे मामले की प्रदेश सरकार द्वारा जांच किया जाना चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके फर्जी डाटा तैयार कर जनता को गुमराह करने वाली इस तरह की गिरोह पर कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।