रायपुर। भाजपा सांसद सुनील सोनी ने मध्यप्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तनखा की पत्रकार वार्ता पर पलटवार करते हुए कहा है कि जब राहुल गांधी चौकीदार चोर है, चिल्लाते थे, तब तनखा कहां थे? जो आज ज्ञान बांट रहे हैं कि राजनीति में पक्ष विपक्ष दोनों का सम्मान आवश्यक है। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए न कभी विपक्ष का सम्मान किया और न ही विपक्ष में रहते हुए सत्ता और प्रधानमंत्री का सम्मान करती। कांग्रेस ने सत्ता में रहते हमेशा विपक्ष का दमन किया है। लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंटा है। जो कांग्रेस अपने ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अपमान करती रही हो, उससे विपरीत विचारधारा के प्रधानमंत्री के सम्मान की अपेक्षा ही व्यर्थ है। प्रधानमंत्री देश का प्रधानमंत्री होता है, राहुल गांधी प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं करते और उनसे उपकृत होकर विवेक तनखा मान सम्मान पर व्याख्यान दे रहे हैं, यह अपने आप में ही विसंगति पूर्ण है। जब गांधी परिवार  नेशनल हेराल्ड घोटाला कर रहा था, तब विवेक तनखा ने उसे क्यों नहीं रोका? अब गांधी परिवार को नोटिस मिला तो कांटा चुभ गया। कानून अपना काम कर रहा है तो कांग्रेस के खानदानी भक्तों की वेदना प्रकट हो रही है। भाजपा कभी किसी का अपमान नहीं करती। यह तो कांग्रेस के संस्कार हैं।
 
भाजपा सांसद सुनील सोनी ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तनखा के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यदि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के कर्णधार दूध के धुले  हैं तो नोटिस का जवाब दें। संवैधानिक व्यवस्था और प्रक्रिया का सम्मान करें। उचित मंच पर तथ्य रखने या सफाई देने की बजाय घूम घूमकर प्रलाप क्यों कर रहे हैं? यह सहानुभूति बटोरने की हास्यास्पद मुहिम के अलावा और कुछ नहीं है। तनखा को यदि न्याय व्यवस्था में भरोसा है तो वे छत्तीसगढ़ आकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए विलाप करने की जगह उचित मंच पर पैरवी करें।