रायपुर। पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने गुरुवार को एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि इनकम टैक्स छापे के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बौखला गए है और भ्रामक आरोप पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जांच की शुरुवात पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने प्रारंभ किया था, मगर पौने चार साल बाद भी भूपेश सरकार किसी निवेशक का पैसा नही लौटाया है।
 
पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि चिटफंड कंपनियों का 6000 करोड़ का लेन-देन का आरोप झूठा, बेबुनियाद और आधारहीन है, इतना ही नही चिटफंड कंपनी से 40 करोड़ की वसूली का जो डाटा दे रहे हैं, वह भी गलत है, जबकि प्रशासन ने ही सूचना के अधिकार में लिखित में जानकारी दे चुके है कि अभी तक निवेशकों को राशि नहीं लौटाई गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल को कम से कम एक बार अपने अधिकारियों से बात करना चाहिए कि वास्तविक हालात क्या है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल को यदि नान घोटाले में सीएम सर का नाम जानना है तो हाइकोर्ट में दिए गए शपथपत्र का एक बार अध्ययन करना चाहिए। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही श्री बघेल ने नान घोटाले की जांच के लिए बदलापुर की राजनीति से प्रेरित होकर एक एसआईटी गठित की थी और उस एसआईटी का प्रमुख अपने चहेते अधिकारी को बनाया था, उस अधिकारी ने जांच के बाद छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में सीएम का मतलब चिंतामणि लिखकर दिया था।
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मूणत ने कहा कि नान घोटाले के दो मुख्य आरोपी अधिकारी अनिल टुटेजा तथा आलोक शुक्ला है जो कांग्रेस की सरकार में प्रमुख पद पर कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, किंतु अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार का जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए बौखलाहट में भ्रामक बयान देकर मुख्यमंत्री के पद की गरिमा को तार-तार कर रहे हैं।