रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने सत्ताधारी कांग्रेस की बैठक में सामने आये टकराव का हवाला देते हुए कहा है कि साढ़े तीन साल में ही कांग्रेस छितर बितर हो गई है। कांग्रेसियों की तथाकथित एकता तो सरकार गठन के बाद तभी बिखर गई थी जब दिल्ली दरबार ने एकतरफा फैसला लेते हुए भूपेश बघेल को ठीक वैसे ही विधायकों की अनदेखी करते हुए मुख्यमंत्री बना दिया था, जैसे छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय बंटवारे में मिली सत्ता अजीत जोगी को न जाने क्यों गिफ्ट में दे दी थी। तीन साल तक जोगी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आशीर्वाद से हवा में उड़ते रहे। अब राहुल गांधी की चापलूसी करते हुए भूपेश बघेल हवा में उड़ रहे हैं। जोगी की वजह से कांग्रेस 15 साल तक सत्ता से बाहर रही। अब सत्ता के साथ साथ संगठन पर भी भूपेश बघेल की तानाशाही कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित हो रही है। भूपेश बघेल के कारनामों से छत्तीसगढ़ तो अपने फैसले पर पछता ही रहा है। कांग्रेस भी डूब रही है। भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ और कांग्रेस दोनों को ही ले डूबेंगे, यह एकदम तय है। इस बार भूपेश बघेल की हिटलरी और जनता से किये गए वादों से मुकरने की कांग्रेस की चिटलरी बहुत भारी पड़ेगी। अगले चुनाव में कांग्रेस कितने साल के लिए वनवास जायेगी, यह तय करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम में जंग चल रही है।
 
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अगले चुनाव में अपनी तयशुदा हार का ठीकरा कांग्रेस संगठन के सिर पर फोड़ने की पटकथा कांग्रेस के उपकृत प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के साथ मिलकर लिख ली है। जिसका फिल्मांकन कांग्रेस की बैठक में चल रहा है। भूपेश बघेल जिस तरह संगठन अध्यक्ष पर दबाव बना रहे हैं, उन्हें धमका रहे हैं कि कोई यह न समझे कि कांग्रेस उसकी दम पर चल रही है तो इससे साफ जाहिर है कि वे कांग्रेस संगठन को अपने कब्जे में करना चाहते हैं। बेहतर होगा कि राहुल गांधी अपनी एटीएम मशीन को कांग्रेस संगठन की सूबेदारी भी सौंप दें। फिर भूपेश बघेल अपनी हार का जिम्मेदार कांग्रेस को नहीं ठहरा पाएंगे।