रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है कि वे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले टीएस सिंहदेव  के खुलासे का जवाब देने में आनाकानी क्यों कर रहे हैं। वे सिंहदेव के इस्तीफे का पत्र न मिलने की बहानेबाजी छोड़कर उनके द्वारा किये गए पर्दाफाश का तथ्यात्मक जवाब दें कि उन्होंने अपने इस पदत्याग के जो कारण बताए हैं, वे सत्य हैं अथवा असत्य? कमाल की बात है कि जिसे इस्तीफा दिया गया, उसे छोड़ सबको मिल गया! मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्हें सिंहदेव का इस्तीफा नहीं मिला, मीडिया से उन्हें जानकारी मिली है! यह कितनी विचित्र स्थिति है कि संचार क्रांति के इस युग में मुख्यमंत्री को अपने मंत्री का पत्र नहीं मिला? भूपेश बघेल पत्रलेखन में विश्व कीर्तिमान स्थापित करने में जुटे हैं। वे कुछ काम धाम करने की बजाय कभी प्रधानमंत्री तो कभी वित्तमंत्री, कभी रेलमंत्री तो कभी किसी और मंत्री को पत्र लिखते रहते हैं और जब उनके ही मंत्री ने उनकी कलई खोलते हुए इस्तीफे का पत्र भेज दिया तो उनके हाथ पैर फूल गए। व्यर्थ ही गरजते रहने वाले की घिग्घी बंध गई। आवाज नहीं निकल रही।
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि दरअसल मंत्री सिंहदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की असलियत उजागर कर दी है कि वे कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। भूपेश बघेल गरीबों के आशियाने बनने के पहले ही किस तरह उजाड़ बैठे, इसका भेद उनके मंत्री ने खोल दिया है। सिंहदेव ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके बार बार कहने के बावजूद मुख्यमंत्री ने लाखों गरीबों के आवास के लिए राज्य के हिस्से का फंड नहीं दिया। जबकि भूपेश बघेल अपने पाप का घड़ा केंद्र के सिर पर फोड़ने से बाज नहीं आते। उनकी हां में हां मिलाने वालों की समझ में आ जाना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के गरीबों के घर का सपना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तोड़ा है। पंचायत मंत्री के रूप में सिंहदेव ने तो कोशिश की थी कि प्रधानमंत्री की गरीब हितैषी आवास योजना का लाभ गरीबों को मिले। लेकिन गरीब का वोट छल कपट से हड़पने वाले ने इस पर पानी फेर दिया।
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि आदिवासियों को धोखा देते आ रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सच्चाई मंत्री सिंहदेव ने जाहिर कर दी है कि कि ढोंगी बाबा ने पेसा कानून का मसौदा बदलकर आदिवासियों के मूलभूत अधिकारों का हनन किया है। राज्य के जनजातीय समाज को भूपेश बघेल के मंत्री ने ही बता दिया है कि उनके मुख्यमंत्री आदिवासी विरोधी हैं। यह सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गई है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अपने मुख्यमंत्री से जवाब तलब करना चाहिए। मंत्री सिंहदेव द्वारा जाहिर किये गए तथ्यों के प्रकाश में मुख्यमंत्री को बर्खास्त करना चाहिए। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व अपनी एटीएम मशीन से भला क्या जवाब मांग सकता है।