अब तक भाजपा जब आरोप लगाती थी तो कांग्रेस उसे विपक्ष के द्वारा बेवजह लगाए गए आरोप बताती रही। 
 
कांग्रेस सरकार के दिग्गज मंत्री, राज्य सरकार में नंबर 2 का स्थान रखने वाले, मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार श्री टीएस सिंहदेव जी ने जो बातें अपनी चिट्ठी में लिखी है, उसका एक-एक शब्द प्रदेश की जनता के साथ हुए भयंकर षडयंत्र और धोखे को बयां कर रहा है। भाजपा लगातार यह सवाल उठाती भी रही है। 
 
अगर इस पत्र पर ही भरोसा करें तो भी प्रधानमंत्री आवास के 8 लाख परिवारों यानी लगभग 40 लाख लोगों से राज्य सरकार ने छत छीनने का काम किया। हालांकि यह आँकड़ा अब 16 लाख आवास तक पहुंच गया है। कुल 80 लाख लोगों को बेघर करने का पाप भूपेश सरकार ने किया है। यह आपराधिक कृत्य है। लोग एक घर बनाने में टूट जाते हैं, इन्होंने तो बस्तियाँ उजाड़ दी, बसने नहीं दी। 
 
केंद्र से इतनी बड़ी मदद मिलने के बाद भी राज्य की कांग्रेस सरकार ने  अपने हिस्से की राशि न देकर प्रदेश के गरीबों के साथ यह सबसे बड़ा अत्याचार किया है।
 
कांग्रेस के खुद के घोषणा पत्र में ग्रामीण इलाको में रह रहे लोगो को आवास देने की बात प्रमुखता से है न राज्य सरकार में केंद्र के आवास जनता तक पहुंचने दिए न खुद उन्होंने कोई आवास गरीबों को दिया।
गरीबों को बेघर रखने को साजिश करने वाले यह सरकार किस आधार पर अब तक बनी हुई है।
 
प्रदेश में रोजगार के बड़े बड़े झूठे दावे पेश करने वाली सरकार ने मनरेगा में काम करने वाले साथियों से साजिशन हड़ताल करवाई है व उनके हक का 1250 करोड़ खाने का काम किया है।
 
दुनिया में ऐसे कौन सी सरकार है जो अपने ही प्रदेश के लोगों के साथ साजिश रचती है ऐसे साजिश रचने वाले मुख्यमंत्री किस आधार पर पद पर बने हुए है?
 
पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों को लागू करने के लिए पंचायत विभाग के मंत्री के बार बार आपको कहा फिर भी आपने पंचायत व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया जो सविधान द्वारा जनता के हित के लिए बनाई गई सर्वोत्तम व्यवस्थाओं में एक है।
 
सही लोगों को काम से निकालकर अनुचित कार्य करने वालो लोगो को काम पे रखा गया किसलिए ताकि वो भ्रष्टाचार में आपका साथ दे?
 
आप ही के वरिष्ठ मंत्री द्वारा लिखी गई चिट्ठी का एक-एक शब्द जनता को एक बाण की चुभ रहा है। आपने जनता के साथ एक बड़ा धोखा कर दिया है अब आपकी पूरी राज्य सरकार को बर्खास्त हो जाना चाहिए ऐसी धोखेबाज सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नही है। 
 
देश में कभी भी ऐसा नहीं हुआ जब नौकरशाही को चुने हुए प्रतिनिधि से ऊपर रखा गया हो। प्रदेश कैबिनेट से ऊपर मुख्य सचिव को रख देना, एक तरह से संविधान की, लोकतंत्र की हत्या है। निजी खुन्नस में सीएम बघेल ने लोक लाज, लोकतांत्रिक मर्यादा सबको ताक पर रख दिया। ऐसे अभद्र और असंसदीय आचरण के लिए प्रायश्चित करना चाहिए बघेल जी को। मुख्यमंत्री पद तो छोड़िये, भूपेश जी वास्तव में राजनीति के लायक़ ही नहीं हैं।
प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विश्नुदेव साय, विधायक शिवरतन शर्मा, रजनिश सिंह, भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव,नरेश गुप्ता , भाजपा मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने,  अमित चिम्नानी, मौजूँद रहे.