रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने ने कांग्रेस सरकार से प्रश्र किया है कि आखिर वो शराबबंदी कब करेंगे ये बताए? शराब बेचने को  राज्य सरकार ने  धंधा बना लिया है एक साल में 5 हजार पांच सौ करोड़ शराब बेचकर कमाने वाली कांग्रेस सरकार इधर उधर की बात न करे सीधा सीधा ये बताए  सरकार द्वारा बनाई गई शराबबंदी समिति का क्या हुआ ?समिति अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्हें किसी व्यक्तिगत बयान पर इतना तूल देने की बजाय इस पर दुख महसूस करना चाहिए कि गंगा जल हाथ में लेकर शराब बंदी का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार ने 3 साल 9 माह में शराबबंदी लागू नहीं की। कांग्रेस ने जनता से छल किया। कांग्रेस सरकार द्वारा शराबबंदी लागू करने के वादे को टरकाने की गरज से जो कमेटी गठित की गई है, उसके अध्यक्ष की हैसियत से सत्यनारायण शर्मा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप टाइम पास कर रहे हैं। उन्हें इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए समिति के अध्यक्ष पद से फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए कि उन्होंने जनता से किए गए वादे को पूरा करने की अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। प्रदेश में शराबबंदी लागू न होने के पीछे कांग्रेस सरकार की सोची समझी चलाकी है और इस  को अंजाम देने की जिम्मेदारी सतनारायण शर्मा को दी गई है। यदि वह अपनी जिम्मेदारी जनता के प्रति निभाते तो आज शराब के नशे में हर रोज होने वाले बलात्कार, हत्या और हिंसक वारदातों का कीर्तिमान स्थापित नहीं होता। सत्यनारायण शर्मा को यह बताना चाहिए कि प्रदेश में जो आपराधिक वारदातें हो रही हैं, वह शराब के नशे में हो रही हैं अथवा नहीं? हर घटना के पीछे एक ही कारण सामने आता है कि शराब के नशे में वह वारदात हुई। इसके लिए कांग्रेस की सरकार जिम्मेदार है और सत्यनारायण शर्मा शराबबंदी समिति के अध्यक्ष की हैसियत से सरकार से भी ज्यादा जिम्मेदार हैं।
 
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने ने कहा कि पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति बांधी ने व्यक्तिगत बयान में जो कहा है, उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से पहले कांग्रेस और सत्यनारायण शर्मा को उनकी भावना समझनी चाहिए कि शराब के कारण राज्य में क्या स्थिति निर्मित हो गई है।कांग्रेस की सरकार शराब के वैध धंधे से जितनी कमाई कर रही है, उससे तीन गुनी अधिक कमाई अवैध शराब के जरिए हो रही है। सरकारी शराब दुकानों में दो कैशबॉक्स रखे जा रहे हैं। दूसरे कैशबॉक्स का करोड़ों रुपए कहां जा रहा है, यह पूरे प्रदेश की जनता को मालूम है। जनता यह भी जानती है कि अवैध शराब की कमाई के कारण कांग्रेस शराबबंदी का वादा पूरा नहीं करेगी। जो कांग्रेस सरकार झारखंड में शराब बेचने, शराब से आय बढ़ाने के लिए कंसलटेंट बनी हो, जो कांग्रेस बिहार में लागू शराबबंदी की समीक्षा करने का वादा अपने चुनाव घोषणापत्र में करती हो, वह छत्तीसगढ़ में कैसे शराबबंदी लागू कर सकती है? सत्यनारायण शर्मा को सलाह देने का इतना ही शौक है तो प्रधानमंत्री को नहीं, बल्कि अपने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सलाह दें कि जो वादा किया है, उसे निभाएं। रही बात कांग्रेस के लोगों की तो उनके लिए बेहतर यही होगा कि 26 तारीख को सोनिया गांधी को ईडी ने फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है तो वह ईडी के खिलाफ नौटंकी करने के लिए अपनी तैयारी करें।