जगदलपुर। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व राज्य के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर के सुकमा जिले के कोंटा इलाके के रेगड़गट्टा गांव में 61 लोगों की अज्ञात बीमारी से मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि स्वस्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ आज स्वास्थ्य के मामले में 1990 के पहले वाले दौर में पहुंच गया है। हर वक्त खोखले दावे करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतायें कि उनके होनहार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कहां हैं? वे यह भी बतायें कि कांग्रेस के बस्तर क्षेत्र के अपने ही इलाके में क्या करते रहे और इतनी बड़ी संख्या में लोग काल के गाल में समा गए। इन आदिवासियों की मौत का जिम्मेदार कांग्रेस के नुमाइंदे और कांग्रेस की सरकार नहीं तो और कौन है?
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में डेंगू कहर बनकर टूट रहा है। 500 से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं। मौत का सिलसिला जारी है। मलेरिया, टाइफाइड के मामलों की बाढ़ आ गई है। राज्य में कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। मंकी पॉक्स के संदिग्ध मिल रहे हैं। स्वाइन फ्लू  भी दस्तक दे रहा है। सुपेबेड़ा में 3 वर्षों में 82 लोग अपनी जान गवा चुके हैं 35 लोग अब भी बीमार हैं। सरकार अपनी अफलातूनी और अंतर्विरोध में घिरी हुई है। लोक स्वास्थ्य को खूंटी पर टांगकर, स्वास्थ्य व्यवस्था को राजनीतिक सूली पर लटकाकर स्वास्थ्य मंत्री लापता हैं। जिस तरह पंचायत विभाग दूसरे मंत्री को थमा दिया, वैसे ही स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसी अन्य मंत्री को क्यों नहीं सौंप रहे। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की जंग में जनता की जान पर बन आई है।
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने 3 साल 9 महीने में छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य के मामले में गंभीर हालात में ढकेल दिया है। 1990 से पहले छोटी छोटी बीमारियों से मौत हुआ करती थीं।आज छत्तीसगढ़ उसी हालात में खड़ा है।