रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश में दम तोड़ चुकी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि जब प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल अंबेडकर हॉस्पिटल में गंभीर बीमारियों से लेकर सर्दी खांसी बुखार जैसी मामूली दवाएं तक महीनों से उपलब्ध नहीं हैं तब अंदाज लगाया जा सकता है कि जो सरकार राज्य मुख्यालय में दवा मुहैया नहीं करा पा रही, उसने जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की क्या हालत कर रखी होगी। जिलों की स्वास्थ्य व्यवस्था का आलम यह है कि बस्तर में एक हजार से अधिक डेंगू मरीज सामने आए हैं। छह मरीजों की मौत होना बताया जा रहा है। सही स्थिति इससे कहीं बहुत ज्यादा खराब है क्योंकि इस सरकार के आंकड़ों पर कोई भरोसा नहीं कर सकता।
 
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का स्वास्थ्य विभाग खुद अनाथ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का वित्त विभाग टीएस सिंहदेव के स्वास्थ्य विभाग को मरीजों की जान बचाने के लिए पैसे नहीं देता। कोरोना काल में स्वास्थ्य के नाम पर शराब से सैकड़ों करोड़ रुपये वसूल किया और स्वास्थ्य विभाग को एक धेला भी नहीं दिया गया। इससे साबित हो चुका है कि असल वजह यह है कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के बीच सत्ता संघर्ष चल रहा है। गरीबों के 16 लाख आवास इसलिए नहीं बनने दिए गए कि पंचायत मंत्री के रूप में सिंहदेव श्रेय न लूट लें। सिंहदेव ने पंचायत विभाग ही छोड़ दिया। अब क्या पंचायत के बाद उनसे स्वास्थ्य विभाग भी चाहिए जो जन स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री के हाथ में कुछ है नहीं जो जनता का सामना करने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे। पलायन कर गए। भूपेश बघेल को सिंहदेव से अदावत है तो उनसे निबटें या उन्हें अपने मंत्रिमंडल से निकाल दें लेकिन उस जनता को मौत के हवाले करने से बाज आएं, जिसने सड़क से उठाकर सिंहासन पर बैठाया है।