दरअसल यह सरकार कर्मचारी संगठनों को DA और HRA जैसे सामान्य मुद्दों में उलझा कर रखना चाहती है।ताकि इनके घोषणा पत्र के क्रमोन्नति,चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान,समयमान वेतनमान,नियमितिकरण जैसे बड़े वादों तक आंदोलन पहुँच ही न पाये।