रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने पुलिस के बैनर तले चलाये जा रहे नशा मुक्ति अभियान को भूपेश बघेल सरकार की नौटंकी करार देते हुए कहा है कि राज्य के शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम दारू पीने के गुर सिखा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि मधुशाला मेल कराती है। शिक्षा मंत्री मंत्र दे रहे हैं कि शराब कैसे पीना चाहिये। काश, वे अपने मुख्यमंत्री को यह ज्ञान दे पाते कि वादे के मुताबिक शराबबंदी लागू कर देनी चाहिए।
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कृष्णमूर्ति बांधी का कहना है कि भूपेश सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री अपने जमीन खसरा नम्बर 755/1 की जगह पर शराब बिकवा रही हैं। महिला बाल विकास मंत्री थोड़ी थोड़ी शराब पीने का भी उपदेश दे चुकी हैं। भूपेश बघेल सरकार इस तरह शराबबंदी की दिशा में अग्रसर है, यह प्रदेश की मां बहनों बेटियों की आंखों में धूल झोंकना नहीं तो और क्या है? 
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि आबकारी मंत्री कवासी लखमा कहते हैं कि चुनाव के दो तीन माह पहले शराबबंदी लागू कर देंगे। सवाल यह है कि पांच साल तक शराब से दो नम्बर की इफरात कमाई करने के बाद शराबबंदी लागू करने का क्या औचित्य है? सत्ता में आते ही शराब बंदी लागू क्यों नहीं की। यह सरकार जब तक जिंदा है, लोगों को वैध अवैध शराब पिलाकर उनके गाढ़े पसीने की कमाई पीती रहेगा। 
 
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम घूम घूम कर शराब का सांस्कृतिक महत्व बताते रहते हैं। यह सरकार और कितने करतब दिखाएगी। शराबबंदी का वादा पूरा नहीं कर सकते हैं, इस सत्य को स्वीकार कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बतौर प्रायश्चित कुर्सी छोड़ देना चाहिए क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की हैसियत से उन्होंने शराबबंदी लागू करने का जो वचन दिया था, उसे मुख्यमंत्री के रूप में पूरा करने की जिम्मेदारी उन्हीं की है। जनघोषणा पत्र वाले बाबा तो हाशिये पर हैं ही, अब उन्हें क्या दोष दिया जा सकता है। भूपेश बघेल ने उन्हीं के कंधे पर जनघोषणा की बंदूक चलाई थी। वे तो अपनी स्थिति पहले ही जगजाहिर कर चुके हैं।