रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता व छत्तीसगढ़ के पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा ने बस्तर संभाग के बीजापुर- नारायणपुर जिलों के 7 गांवों में बीते 5 माह में 39 लोगों की अज्ञात बीमारी से मौत तथा 50 से ज्यादा लोगों के अब भी इसी अज्ञात जानलेवा बीमारी के बावजूद स्वास्थ्य सुविधाओं के अकाल की खबरों का हवाला देते हुए सवाल किया है कि छत्तीसगढ़ में सरकार नाम की कोई व्यवस्था है कि नहीं? बस्तर के गरीब आदिवासी इलाज के अभाव में लगातार दम तोड़ रहे हैं। 5 माह में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गईं। स्वास्थ्य मंत्री बस्तर में क्या खाक विभागीय समीक्षा करके गायब हो जाते हैं? इस बीच मुख्यमंत्री कई दफा बस्तर की सैर कर तमाशा दिखा चुके हैं। बस्तर से इकलौते मंत्री को जुबानी डुगडुगी बजाने से फुर्सत नहीं है। आदिवासी विरोधी सरकार ने आदिवासियों की अकाल मौत का ठेका अज्ञात बीमारी को दे रखा है।
 
पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा ने कहा है कि यह बेहद गंभीर खबर मामला है। सरकार की संवेदना मर चुकी है। अज्ञात बीमारी से आतंकित बस्तर के गांव वाले कह रहे हैं कि हम जिंदा रहना चाहते हैं। बचा लीजिए। लगातार लोग वहां मर रहे हैं और यह संवेदनहीन पत्थर दिल निर्दयी सरकार आदिवासियों को यमराज के रहमोकरम पर छोड़कर हाथ पर हाथ रखे बैठी है। आदिवासी हितों का ढिंढोरा पीटने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बतायें कि वे इन आदिवासियों को बचाने के लिए क्या कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री को या तो काम करने नहीं दिया जा रहा या फिर वे काम कर नहीं रहे। इन निरीह आदिवासियों की मौत की जिम्मेदार भूपेश बघेल सरकार है।