रायपुर। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य संदीप शर्मा ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत भारत बंद के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसान आंदोलन चला रहे राकेश टिकैत पहले देश को यह तो बताएं कि कृषि बिल में क्या खामियां हैं? श्री शर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर पिछले कई महीनों से ड्रामेबाजी की जा रही है और पर्दे के पीछे इस आंदोलन में कांग्रेस पूरी तरह संलिप्त है।
 
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी श्री शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के बार-बार आग्रह के बावजूद किसान आंदोलनकारी कृषि कानूनों के उन बिंदुओं के बारे में चर्चा ही नहीं करते जिन पर उन्हें आपत्ति है। स्पष्ट है कि आंदोलन के जरिए राजनीतिक स्वार्थ साधने की शर्मनाक कोशिश की जा रही है और कृषि कानूनों का क-ख-ग नहीं जानने वाले महज सियासी प्रलाप कर अपने गढ़े हुए झूठ के सहारे देश और विभिन्न राज्यों में अराजकता फैलाने पर आमादा हैं। श्री शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों की समीक्षा कर आपत्तिजनक बिंदुओं में सुधार की तत्परता दिखाने के बावजूद किसान नेता चर्चा करने के बजाय कृषि कानून रद्द करने की रट लगा कर अपने हठीले रवैया का प्रदर्शन कर रहे हैं। श्री शर्मा ने कहा कि संसद के पिछले सत्र में भी केंद्र सरकार इन कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए तैयार थी लेकिन कांग्रेस समेत तमाम भाजपा विरोधी दलों ने संसद में चर्चा के बजाय सदन छोड़कर जाने और संसदीय कार्यवाही को ठप करने का ग़ैर-ज़िम्मेदाराना आचरण प्रस्तुत किया।
 
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी श्री शर्मा ने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में अपने भाजपा विरोधी एजेंडे पर हठ करके कानून बदलने या उसे रद्द करने का दबाव बनाने की ओछी राजनीति करके मुट्ठीभर जनाधारविहीन लोग देश की संसद का अपमान और किसानों का अहित कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। श्री शर्मा ने सवाल किया कि आज छत्तीसगढ़ के किसान परेशान हैं .।  कांग्रेस शासनकाल में अपना धान बेचने और उसकी पूरी कीमत हासिल करने में किसानों को मशक्कत करनी पड़ रही है। अभी आगामी धान खरीदी को लेकर भी प्रदेश सरकार की कोई तैयारी नहीं है। बारदाने को लेकर पिछले साल मची अफरा-तफरी के बावजूद प्रदेश सरकार इस वर्ष भी अब तक बारदानों के इंतजाम में लापरवाही का परिचय दे रही है। पिछले साल के किसानों के कई भुगतान लंबित हैं। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस जिस वादे के साथ सत्ता में आई उसमें आधी-अधूरी कर्ज माफी करके किसानों के साथ हुए छलावे पर संयुक्त किसान मोर्चा खामोश क्यों हैं?
 
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार का भुइयाँ सॉफ्टवेयर पूरी तरह से बर्बाद हो गया है, पटवारियों ने जिस सॉफ्टवेयर के सहारे गिरदावरी रिपोर्ट तैयार की थी, वह सारी रिपोर्ट गायब हैं। इन सारी विसंगतियों पर प्रदेश सरकार का क्या कहना है, संयुक्त किसान मोर्चा को पहले उसकी चिंता करनी चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि नामांतरण व बंटवारे की प्रक्रिया के चलते किसानों की परेशानी पर  संयुक्त किसान मोर्चा का मौन ,आंदोलन को लेकर उनकी ईमानदारी पर सवाल खड़ा कर रहा है और ऐसा करके संयुक्त किसान मोर्चा प्रदेश सरकार की किसान विरोधी कारगुजारियों को समर्थन दे रहा है।
   आज संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आवाहन पर कांग्रेस के समर्थन के बावजूद छत्तीसगढ़ में बंद असफल रहा।   यह साफ इस ओर इशारा करता है कि छत्तीसगढ़ के किसान कांग्रेस और उसके छुपे हुए एजेंडे को पहचान गए हैं और उसे अपना समर्थन नहीं दे रहे हैं।   श्री शर्मा ने विश्वास जताया कि  भविष्य ने बहु प्रदेश के किसान ऐसी ड्रामेबाजी और सियासी प्रलाप से दूर रहेंगे।  उन्हीने प्रदेश सरकार को भी किसान आंदोलन के नाम पर हो रहे ड्रामों से दूर रहकर किसानों के हित में ईमानदारी से काम करने के लिए प्रतिबद्ध रहने की सीख दी।
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