रायपुर,20 अक्टूबर 2022। छत्तीसगढ़ में सड़कों की दुर्दशा और भूपेश बघेल सरकार की लचर नीतियों को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने चिंता व्यक्त करते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं।
 
श्री मूणत ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार सड़कों को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है।  मरम्मत के आभाव में छत्तीसगढ़ में सड़कों की स्थिति बेहद ही खराब है। 
 
पूर्व मंत्री श्री राजेश मूणत ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह काफी चिंता का विषय है कि अभी तक राज्य सरकार ने प्रदेश में खराब सड़कों के संबंध में सर्वे के माध्यम से  संभागवार  जानकारी  से एकत्रित नहीं की है और न ही सड़को की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग से राशि का आवंटन किया गया है। श्री मूणत  आगे कहा कि अगर किसी डिवीजन में राशि का आवंटन किया गया है,तो उसकी जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।
 
श्री राजेश मूणत ने आगे कहा कि बड़े ही दुख का विषय है कि छत्तीसगढ़ सरकार सड़कों की मरम्मत के लिए अब छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के जरिए ऋण लेने जा रही है। छत्तीसगढ़ शायद देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहां सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार को लोन लेना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ की सड़कों के गड्ढों को भरने का टेंडर छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम करेगा, तो प्रदेश का लोक निर्माण विभाग क्या करेगा?
 
 
दरअसल सड़क विकास निगम का गठन साल 2014 में किया गया था। प्रदेश में सड़कों के निर्माण से लेकर देखरेख का पूरा काम इसके माध्यम से ही करवाया जा रहा था। मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष और विभागीय मंत्री को उपाध्यक्ष बनाया गया था। तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने छत्तीसगढ़  में सड़कों का जाल बिछाने के लिए इस मंडल का गठन किया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार इन उद्देश्यों को समझ नहीं सकी ,लेकिन अब दुरुपयोग पर आमादा है।
 
श्री मूणत ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार बनने के बाद खबरें आई थीं कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य सड़क विकास निगम को बंद करने की तैयारी में है। 
 
मूणत ने सवाल पूछा कि 4 साल बीत जाने के बाद भी छत्तीसगढ़ में सड़कों का निर्माण तो दूर पहले से बनी सड़कों का भी रखरखाव न कर पाने वाली भूपेश सरकार को अचानक सड़क विकास निगम की सार्थकता कैसे नज़र आने लगी ?
 
भाजपा प्रवक्ता श्री राजेश मूणत ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के पास स्पष्ट नीति और नियत की कमी हैं। जनता के पैसे का दुरुपयोग करने वाली भूपेश बघेल सरकार ने  प्रदेश को कर्ज के भार तले दबाकर  कंगाली के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।