छत्तीसगढ़। भूपेश सरकार मीडिया कर्मियों को सुरक्षा दे पाने में असफल रही है। सत्ता में आने के पूर्व मीडिया कर्मियों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे। लेकिन ठीक इसके विपरित भूपेश बघेल के राज में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर लगातार प्रहार बढ़ते गए। यह प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और अराजकता का प्रमाण है।
  आज जगदलपुर में नई दुनिया के पत्रकार रितेश पांडे पर जानलेवा हमला व लूट की घटना हुई है इसकी निंदा करते हुए पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा भूपेश सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही पत्रकारों को सच लिखने से रोकने के लिए पुलिस से दबाव डाला जाता था, उनके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किए जाते थे लेकिन अब उन पर सीधे जानलेवा हमले होने लगे। जिसका अर्थ साफ है पत्रकारों को इतना भयभीत कर दो कि उनका हाथ सच लिखने से कांपने लगे। यही चरित्र है कांग्रेस का। जो इमरजेंसी में मीडिया का गला घोंटने का काम करते थे, अब वही छत्तीसगढ़ में कर रहे है। उन्होंने पूछा कि भूपेश बघेल जी क्या इतने डरपोक हैं कि उन्हें अब कलम से डर लगता है? पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का वादा करने वाले अब  पत्रकारों को ही निशाना बना रहे हैं।
 उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार पिछले चार सालों से एक ही नीति पर काम कर रही है जनता को बरगलाओ, पत्रकारों को दबाव और बढ़ते अपराधो से जी चुराओ। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के जिले में सिलसिलेवार सामूहिक हत्याकांड की घटना होती है और त्योहार  में खुलेआम गोली कांड हो जाता है परंतु सरकार लगातार चुप्पी साधी रहती है। भूपेश बघेल जी स्मरण रहे  किसी भी सरकार में पत्रकारों पर हमला उस सरकार के पतन की चरम अवस्था होती होती है।  पत्रकार भाइयों की असुरक्षा इस बात का सूचक है कि भूपेश सरकार का अंत निकट है।