रायपुर/6 दिसम्बर 2022। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़,राजस्थान और हरियाणा में प्रदेश प्रभारी बदल दिये हैं। छत्तीसगढ़ से पीएल पुनिया की छुट्टी कर दी गई है। कांग्रेस में हुए परिवर्तन को लेकर पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव से ठीक 1 साल पहले पीएल पुनिया की छुट्टी किया जाना ,इस बात को दर्शाता है कि बीते 4 साल में कांग्रेस के भीतर दिखाई दे रही गुटबाजी को अब केंद्रीय नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया है,किंतु प्रभारी बदलने से गुटबाजी नही खत्म होने वाली हैं।
 
उन्होंने कहा कि कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ भेजा जाना कांग्रेस में मची कलह को खत्म करने की कवायद नजर आती है, लेकिन कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व शायद यह नहीं जानता कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद कांग्रेस के भीतर पनप रहे असंतोष का कारण है, क्योंकि वह खुद के आगे किसी और को कुछ भी नहीं समझते।जब तक भूपेश बघेल इस्तीफा नहीं देंगे,सारे प्रयास व्यर्थ हैं।
 
मूणत ने कहा कि लंबे समय तक छत्तीसगढ़ में प्रभार संभालने वाले पीएल पुनिया भूपेश बघेल के सामने बेबस नजर आने लगे थे।
 
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पीएल पुनिया की बातें सुनने वाला कोई नहीं बचा था।पुनिया 4 साल तक केवल भूपेश बघेल औऱ टीएस सिंहदेव के बीच मचे घमासान को शांत करने में लगे रहे,लेकिन विफल साबित हुए।
 
पूर्व मंत्री मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने आचरण के अनुरूप भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रभारीयों पर ओछी टिप्पणी करते आए हैं। 
 
भूपेश बघेल ने हमारी पूर्व प्रभारी पर भी कई आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए अपने महिला विरोधी होने का प्रमाण दिया था। 
 
लेकिन भारतीय जनता पार्टी का आचरण कांग्रेस की तरह नहीं है। कुमारी शैलजा कुमारी एक महिला है, उनका सम्मान हैं। 
 
विपक्ष होने के नातें हम छत्तीसगढ़ में उनका स्वागत करते हुए उम्मीद करते हैं कि वह असभ्य और निम्न स्तरीय राजनीति पर उतारू हो चुके भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस के अन्य नेताओं को राजनीतिक मर्यादाओं का बारे में अवश्य बताएंगी। 
 
मूणत ने कहा कि हम यह भी उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस की नई प्रभारी  हर चुनाव से पहले विपक्ष के खिलाफ कूटरचित अश्लील षड्यंत्र रचने,बिलो द बेल्ट रणनीति करने वाले भूपेश बघेल जी के दिल और दिमाग को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास करेंगी।
 
मंत्री मूणत ने आगे कहा कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में लगातार भ्रष्टाचार उजागर हो रहे हैं, स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भ्रष्टाचार के सरगना के तौर पर संदेह के दायरे में हैं। प्रदेश के आदिवासियों समेत हर वर्ग के लोगों में सरकार के प्रति असंतोष व्याप्त हैं। सरगुजा से लेकर दुर्ग तक भूपेश सरकार में मंत्रियों के औऱ  कार्यकर्ताओं के बीच गुटबाजी हावी हो चुकी हैं। इस स्थिति में हताश निराश पीएल पुनिया के स्थान पर नए  छत्तीसगढ़ प्रभारी के आ जाने के बाद भी जर्जर हो चुकी कांग्रेस की मरम्मत नहीं हो पाएगी।