रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कांग्रेस संचार प्रमुख के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में जी 20 समिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ के प्रति प्रेम का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ में जो भी विकास हो रहा है, वह मोदी जी की उदारता से हो रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बनाने वाली भाजपा ने नई राजधानी बनाई। पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया। ब्रिज बनाये, अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाया, ऑडिटोरियम बनाये। राज्य को बीमारू राज्य की श्रेणी से निकालकर सबसे तेज गति से विकास करने वाले नए राज्य के रूप में प्रतिष्ठित कराया।
 
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार ने अपनी दम पर एक धेले का विकास नहीं किया है। बल्कि अपने भ्रष्ट गिरोह के हाथों छत्तीसगढ़ में लूट मचा रखी है। पूरे देश में नक्सलवाद सिमट चुका है लेकिन छत्तीसगढ़ में यह स्थिति है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली में कहते हैं कि वे नक्सल प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्री हैं, उन्हें सुरक्षा दी जाए। जब छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद बेकाबू नहीं है तो नक्सलियों का भय दिखाकर वे दिल्ली में भीगी बिल्ली क्यों बन जाते हैं। एक तरफ कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन नक्सलियों की प्रवक्ता जैसे बयान देती हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस के पदाधिकारी नक्सलियों के साथ तेलंगाना में पकड़े जाते हैं, तीसरी तरफ कांग्रेस की विधायक बताती हैं कि छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सलियों से है और चौथी तरफ कांग्रेस का संचार तंत्र जी 20 की बैठक पर भूपेश बघेल की पीठ थपथपाने का भद्दा मजाक कर रहा है।
 
प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि कांग्रेस समय समय पर नक्सलियों को लेकर गिरगिट से भी तेज गति से रंग बदल लेती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं पहल कर जी 20 की महत्वपूर्ण बैठक छत्तीसगढ़ में तय की। उन्होंने खुद राज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की। क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रधानमंत्री से आग्रह करने दिल्ली गए थे कि छत्तीसगढ़ में जी 20 की बैठक कराएं। क्या भूपेश बघेल के पास जी 20 के देशों ने अनुरोध किया था कि हमें तो आपके काम को देखना है! जिस राज्य सरकार का काम देखने की इच्छा कांग्रेस के मालिकों को नहीं है, जिस राज्य सरकार पर यह भरोसा नहीं है कि राहुल गांधी की यात्रा सुरक्षित  रहेगी, उस राज्य सरकार की स्तुति करते कांग्रेस के संचार तंत्र को कुछ तो झिझक होना चाहिए, कुछ तो संकोच करना चाहिए।कुछ तो आत्मग्लानि होनी चाहिए, कुछ तो लज्जा आनी चाहिए।