रायपुर। भाजपा पार्षद दल ने आज भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा की प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की आड़ में झुग्गी बस्ती वासियों एवं गरीबों के साथ छल किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा मोर मकान मोर आस के अंतर्गत नगर पालिक निगम रायपुर के द्वारा जो विज्ञापन निकाला गया है उस के संदर्भ में विरोधाभास है।
 
भाजपा पार्षद दल ने कहा कि 9 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास मिशन के क्रियान्वयन हेतु समस्त नगर निगम आयुक्त को पत्र प्राप्त होता है जिसमें अन्य बातों के साथ यह भी कहा गया कि वार्ड वार सर्वेक्षण दल के द्वारा डिमांड एसेसमेंट सर्वे (स्लम एवं गैर स्लम) का सर्वेक्षण कार्य यथाशीघ्र करवाया जाए। मिशन के अनुरूप रायपुर शहर में अस्थाई झुग्गी बस्तियों का सर्वे निगम के सहयोग से किया गया। जिसमें लगभग 10 हजार परिवारों को शहर के विभिन्न वार्डों में चिन्हित किया गया जो कि अस्थाई झुग्गी बस्ती थे जिनके पास स्थाई पट्टा नहीं है। भाजपा पार्षद दल ने कहा कि जब इन परिवारों का डीपीआर केंद्र सरकार को भेजा गया तो इनकी वित्तीय संरचना के संबंध में जो रिवाइज्ड सेंशन था वह इस प्रकार तय हुआ था कि 4.75 लाख रुपए प्रति आवास में 1.5 लाख रुपए केन्द्रांश, 2.5 लाख रुपये राज्यांश अब इस प्रक्रिया में केंद्र सरकार की सहमति के बाद 13 जनवरी 2017 को राज्य से टेंडर लगाने कहा गया। अब यह 10 हजार  मकान उपरोक्त वित्तीय संरचना के हिसाब से निर्माण प्रक्रिया में है। अब इसी बीच नगर निगम रायपुर के माध्यम से मोर मकान मोर आस का विज्ञापन निकाला गया।
 
भाजपा पार्षद दल ने सामान्य सभा में प्रश्न लगाया कि वर्तमान सरकार ने इस योजना के तहत कुल कितने मकान बनवाए हैं। जिसके जवाब में उत्तर आया कि एक भी मकान नहीं बनवाया गया है, और 10 हजार झुग्गी बस्ती के परिवारों के लिए जो मकान पूर्व में स्वीकृत है उन्हीं मकानों को इस योजना के सम्मिलित कर लिया गया।
 
भाजपा पार्षद दल ने नगर निगम के महापौर, नगर निगम आयुक्त एवं 
नगरीय प्रशासन मंत्री से सवाल करते हुए कहा कि उन 10 हजार परिवारों का भविष्य क्या होगा?इन परिवारों के लिए बने हुए मकान को किसी और परिवार को आबंटित करने के पूर्व इनको क्यों लिख कर नहीं दिया जा रहा है कि इनकी बस्तियों को कभी नहीं उजाड़ा जाएगा। पट्टा वितरण का वादा करके सत्ता में आई सरकार इनको क्यों पट्टा अभी तक नहीं दे पाई। भाजपा पार्षद दल ने सरकार से यह मांग करते हैं कि जल्द से जल्द उन्हें स्थाई पट्टा दिया जाए ताकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मोर जमीन मोर मकान योजना का लाभ इन झुग्गी बस्ती वासियों को मिल सके।
 
भाजपा पार्षद दल ने कहा कि मोर मकान और आस योजना के तहत गरीबों को छला जा रहा है एएचपी घटक के तहत बनने वाले मकानों को इस योजना के तहत बेचा जा रहा है। उक्त मकान की वित्तीय संरचना थी 1.5 लाख रुपए केन्द्रांश, 2.5 लाख रुपए राज्यांश कुल 75 लाख हितग्राही। लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस योजना का नाम बदलकर, हितग्राही बदलकर अब इस मकान को सरकार 1.5 लाख रुपए केन्द्रांश को छोड़कर पूरा 3 लाख पच्चीस हजार गरीब हितग्राही से ले रही है। मतलब यह हुआ कि राज्यांश जो 2.5 लाख रुपये था वह भी वर्तमान सरकार इन गरीब हितग्राहियों से लेकर, अपना खजाना भर रही है और अब इस 4.75 लाख के लागत के मकान में 1.5 लाख रुपए केन्द्रांश है और 3.25 लाख रुपए हितग्राही का और राज्यांश शून्य है। मोर मकान मोर आस योजना जिसमें राज्यांश कुछ भी नहीं है उसका ब्रोशर भी दिखाया गया ।प्रदेश में इस योजना की असलियत यही है। पत्रकार वार्ता में नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे, मृत्युंजय दुबे, प्रमोद साहू, जिलाध्यक्ष जयंती पटेल सूर्यकांत राठौर, मनोज वर्मा मौजूद रहें।