रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस की पहली सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस सूची का प्रधान ही चार्जशीटेट है। इस लिस्ट में तरह तरह की आपराधिक घटनाओं के आरोपियों की भरमार है, जो साबित कर रही है कि छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार और अपराध का गढ़ बना देने वाली कांग्रेस कैसा छत्तीसगढ़ गढ़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो सूची जारी की है, वह उसकी तयशुदा हार का दस्तावेज है। इनकी पहली लिस्ट यानी ट्रेलर देखकर अंदाज लग रहा है कि फिल्म कितनी फ्लॉप होगी। 
 
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय ने रविवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस को अपने मौजूदा विधायकों, संसदीय सचिवों पर भरोसा नहीं है। कांग्रेस ने अपने सभी मंत्रियों पर भरोसा इसलिए व्यक्त किया है क्योंकि इनके माध्यम से कांग्रेस का छत्तीसगढ़ एटीएम संचालित हुआ है। मंत्रियों की टिकट काटने की हिम्मत कांग्रेस की नहीं हुई। इस सूची में भूपेश बघेल सरकार के सभी मंत्री शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को भी टिकट दी गई है। एक संसदीय सचिव सहित आठ विधायकों की टिकट काटी गई है। एक मंत्री की सीट बदली गई है। जिन विधायकों की टिकट काटी गई है वह पिछले विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में अच्छे मतों से जीते थे। पंडरिया विधानसभा से ममता चंद्राकर की टिकट काटी गई है] डोंगरगढ़ से भुवनेश्वर बघेल, खुज्जी से छन्नी साहू, अंतागढ़ से अनूप नाग, कांकेर से शिशुपाल सोरी, चित्रकूट से राजमन बेंजाम और दंतेवाड़ा से देवती कर्मा की टिकट काटी गई है। जो लोग उपचुनाव में जीते उन पर भी कांग्रेस को भरोसा नहीं है। खुज्जी से छन्नी साहू का टिकट इसलिए काटा गया क्योंकि वह 5 साल से सत्ता धारी विधायक होने के बावजूद जनता के हित में भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ मुखर रहीं। कांग्रेस ने अंतत उसके दफ्तर में छिड़ी गैंगवार के बीच डरते- सहमते 30 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है तो यकीनन उन्होंने अपने कार्यालय की टेबल कुर्सी आदि का भी बीमा कर लिया होगा।  इस सूची से स्पष्ट हो रहा है कि अपराध में शामिल होना कांग्रेस का उम्मीदवार बनने की कसौटी पर पहली प्राथमिकता है।  महिलाओं को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने का वादा करने वाले, लड़की हूँ  लड़ सकती हूं का नारा देने वालों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ लड़ने वाली छन्नी साहू का टिकट काट दिया है जो यह जाहिर कर रहा है कि कांग्रेस में गलत के खिलाफ लड़ने वाली महिलाओं का कोई स्थान नहीं है।  कांग्रेस ने जो सूची जारी की है, उसके अनुसार कांग्रेस के 30 फीसदी विधायकों से तो स्वयं कांग्रेस नाखुश नजर आ रही है। 
 
उन्होंने कहा कि राजनांदगांव से टिकट देकर भूपेश बघेल ने अपने दोस्त गिरीश देवांगन की बलि चढ़ा दी।  भ्रष्टाचार में सहभागी बनने वाले सभी मंत्रियों को पुरस्कृत किया गया है।  उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के कई प्रत्याशियों का बड़ा अपराधिक बैकग्राउंड है।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ अश्लील सीडी बांटने के अलावा कथित रूप से फिरौती मांगने का आरोप है।  नोएडा में कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक का डोर टू डोर प्रचार के दौरान भूपेश बघेल ने कोविड महामारी के नियमों का उल्लंघन किया और उन पर इस मामले में केस दर्ज हुआ है।  जयसिंह अग्रवाल कांग्रेस के ऐसे उम्मीदवार हैं जिन पर विभिन्न घोटालों और धोखाधड़ी के कई आरोप हैं।  जिनमें हुए जमानत पर हैं।  उनके विरुद्ध दर्जनों केस दर्ज हुए हैं।  जिनमें राजस्व घोटाला और जमीन घोटाले जैसे मामले भी शामिल हैं। जयसिंह अग्रवाल की निष्क्रियता के कारण कोरबा में ईसाई मिशनरियों द्वारा लगातार भोले वाले जनजातीय समाज के भाइयों बहनों को प्रलोभन देकर व्यापक पैमाने पर धर्मांतरण कराए जाने के आरोप हैं। अमरजीत भगत को प्रस्तावित सारंगा एलुमिना प्लांट के मुद्दे पर अपने ही गृह क्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ा।  भगत के बेटे के नाम पर जशपुर में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले  जनजाति की 25 एकड़ जमीन खरीदी के आरोप है।  बिरनपुर हिंसा पर भगत ने बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान दिया था।  सरगुजा जिले के भटौली विकासखंड के एक ग्राम में 130 एकड़ सरकारी जमीन का फर्जीवाड़ा कर अपने नाम करने के मामले में भगत के पूर्व निजी सहायक समेत 23 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज है।  संतराम नेताम पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला डीएफओ जिसके हाथ में एक बच्चा था, उस पर चिल्लाते और धमकाते हुए कहा था कि वह एक खतरनाक आदमी हैं, इसका वीडियो भी काफी वायरल हुआ। 
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की भरोसा यात्रा के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ जिसमें बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी घायल हुए। सार्वजनिक जगह पर असावधानी से असुरक्षित वाहन चलाने के कारण विधायक ने दूसरों के जीवन को खतरे में डाला।  कवासी लखमा के रंग ढंग से पूरा बस्तर और पूरा छत्तीसगढ़ वाकिफ है।  रविंद्र चौबे राहुल गांधी की तुलना भगवान राम और आदि गुरु शंकराचार्य से करते हैं।  शिक्षक भर्ती और पदोन्नति घोटाला उन्हीं के कार्यकाल की देन है। ताम्रध्वज साहू गृहमंत्री रहते हुए महिलाओं के विरुद्ध जिस तरह की टिप्पणी करते रहे हैं, वह भी छत्तीसगढ़ ने देखा सुना है। कवर्धा का झंडा विवाद और मोहम्मद अकबर के बीच क्या रिश्ता है, यह भी किसी से छुपा हुआ नहीं है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर वन विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर किस तरह खामोश रहे, किस तरह वृक्षों की अंधाधुंध कटाई हुई यह भी सभी जानते हैं। मोहन मरकाम शराब को संस्कृति बताते रहे हैं। अनिला भेड़िया शराब बंदी का वादा करने के नाम पर शराब सेवन को बढ़ावा देती हैं।  महिला एवं बाल कल्याण मंत्री होते हुए भी वह महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करने में नाकामयाब रही हैं।  रुद्र गुरु अपने विधानसभा क्षेत्र से गायब रहे।  सिंहदेव स्वास्थ्य मंत्री के पद पर होने के बावजूद भी नवजात शिशुओं की मृत्यु के लिए स्वयं को इसलिए माफ नहीं कर सकते क्योंकि उनके विभाग में उनके ही क्षेत्र में लापरवाही हुई। उन पर अंबिकापुर बस स्टैंड क्षेत्र के पास तालाब पर अवैध रूप से कब्जा करने के आरोप भी सामने आए हैं।
 
प्रेस वार्ता में भाजपा राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख सिद्धार्थ नाथ सिंह भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित 
चिमनानी शामिल रहे।