सौम्या की वकालत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश उनकी जमानत बार बार खारिज होने पर मौन क्यो?:रामू रोहरा
ऐसा कैसे संभव है उपसचिव भ्रष्टाचार करे और मुख्यमंत्री को पता न हो?:रामू रोहरा
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री रामू जगदीश रोहरा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रही सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज होने पर करारा कटाक्ष करते हुए कहा है कि बार-बार जमानत याचिका खारिज होना यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार की पर्याय है और अपने शासनकाल में कांग्रेस ने हर स्तर पर घपले-घोटाले करके छत्तीसगढ़ को लूटने-खसोटने में जरा भी शर्म महसूस नहीं की।
भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री रोहरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब भी भूपेश सरकार के भ्रष्ट कारनामों पर सवाल उठे, तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल हर बार सौम्या समेत तमाम घपलेबाजों के वकील बनकर उनका बचाव करते रहे। श्री रोहरा ने कहा कि सौम्या चौरसिया जब गिरफ्तार हुई थी तब तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उस गिरफ्तारी को तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई बताया था और अपनी सरकार के खिलाफ इसे साजिश बताया था। अब पिछले कई महीनों से सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका को खारिज किया गया और रायपुर की तो विशेष अदालत ने कहा है कि इस मामले में सौम्या की प्रथमदृष्टया संलिप्तता लग रही है, तो भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए इतनी बड़ी बात कही थी कि तानाशाही हो रही है, गलत हो रहा है। श्री रोहरा ने बघेल से अब इस मामले में अपना नजरिया साफ करने की मांग की और जानना चाहा कि बघेल अब इस विषय पर क्यों नहीं बोलते हैं? ऐसा कैसे संभव है कि किसी मुख्यमंत्री की उपसचिव इतना बड़ा भ्रष्टाचार कर रही हो और मुख्यमंत्री को पता न हो, उनकी खुद की संलिप्तता न हो। श्री रोहरा ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल की जानकारी के अभाव में यह हो रहा हो, यह तो संभव हो ही नहीं सकता।